दिल्ली में कार धमाके की जांच में नए खुलासे: मुख्य आरोपी का रहस्योद्घाटन
नूह में छिपा था मुख्य आरोपी
नूह: दिल्ली के लाल किला क्षेत्र में हुए कार धमाके की जांच में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। जांच के दौरान यह पता चला है कि मुख्य संदिग्ध, डॉक्टर मोहम्मद उमर उन नबी, धमाके से एक दिन पहले तक हरियाणा के नूंह में एक किराए के कमरे में छिपा हुआ था। पुलिस के अनुसार, उमर ने नूंह में रहते हुए कई मोबाइल फोन का उपयोग किया ताकि उसकी लोकेशन का पता न चल सके।
आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा
जांच अधिकारियों के अनुसार, उमर उस कथित व्हाइट कॉलर आतंकी मॉड्यूल का सदस्य था, जिसमें कई डॉक्टर शामिल थे। वह अपने साथी डॉक्टर मुजम्मिल शकील गनई की गिरफ्तारी के बाद अल फलाह मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद से भाग गया था। सीसीटीवी फुटेज में धमाके से कुछ दिन पहले उसे पोल्यूशन सेंटर में आई 20 कार के साथ देखा गया था। उसे एक मोबाइल फोन की मरम्मत कराते हुए भी रिकॉर्ड किया गया था।
जांच रिकॉर्ड में क्या आया?
जांच रिकॉर्ड के अनुसार, उमर 30 अक्टूबर को नर्सिंग स्टाफ शोभा खान की मदद से नूंह पहुंचा था। शोभा खान ने अपनी रिश्तेदार अफसाना के घर में उसके लिए एक कमरा किराए पर दिलवाया था। कमरे का किराया दो हजार रुपये और चार हजार रुपये की सिक्योरिटी ली गई थी। अफसाना की बेटी के अनुसार, उमर दिन में कभी कमरे से बाहर नहीं निकलता था।
अफसाना की बेटी का बयान
अफसाना की बेटी ने बताया कि वह रात में ही बाहर आता था और सड़क किनारे ढाबों से खाना लाता था। उसके पास दो फोन थे और वह ग्यारह दिनों तक एक ही कपड़ों में रहा। उसने कहा कि उमर 9 नवंबर की रात अचानक कमरे से चला गया। उसके जाने के बाद कमरा बदबूदार हो गया था, जिससे घरवालों को शक हुआ। बाद में जब उन्होंने टीवी पर धमाके की खबर देखी, तो उनका शक और बढ़ गया।
उमर के फोन का क्या हुआ?
कुछ समय बाद पुलिस वहां पहुंची और अफसाना और शोभा खान को पूछताछ के लिए ले गई। दिल्ली पुलिस ने बताया कि उमर कई मोबाइल फोन का उपयोग कर रहा था। फरीदाबाद की एक दुकान में भी उसे दो फोन के साथ देखा गया था। हालांकि, आई 20 कार की फोरेंसिक जांच में कोई फोन नहीं मिला। पुलिस का मानना है कि उमर ने फोन घटना से पहले कहीं फेंक दिए होंगे।