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दिल्ली में घने कोहरे का कहर: यातायात प्रभावित, मौसम विभाग की चेतावनी

दिल्ली में घने कोहरे ने जनजीवन को प्रभावित किया है, जिससे यातायात सेवाएं बाधित हुई हैं। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक कोहरे की स्थिति बने रहने की संभावना जताई है। एयरपोर्ट पर उड़ानें रद्द हुईं और देरी का सामना करना पड़ा। उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी हुई है। जानें मौसम वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी और प्रदूषण के स्तर के बारे में।
 

दिल्ली में कोहरे का असर


नई दिल्ली: दिल्ली में घने कोहरे ने लगातार सात दिनों से जनजीवन और यातायात को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। रविवार को भी राष्ट्रीय राजधानी और उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों में दृश्यता काफी कम रही। कोहरे के कारण ट्रेन और हवाई सेवाएं बाधित हुईं, जिससे यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग के अनुसार, यह स्थिति पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्पन्न हुई है और अगले दो दिनों तक कोहरे के बने रहने की संभावना है।


यातायात पर प्रभाव

दिल्ली एयरपोर्ट पर रविवार को 100 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और 500 से ज्यादा उड़ानों में देरी हुई। पिछले एक हफ्ते में कुल 4000 से अधिक उड़ानों पर इसका असर पड़ा है। सबसे अधिक प्रभावित एयरलाइंस में इंडिगो और एयर इंडिया शामिल हैं। एयरलाइंस ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे यात्रा से पहले अपनी उड़ान की स्थिति की जांच करें।


कोहरे की स्थिति

किस क्षेत्र में कितनी दृश्यता?


कोहरे के कारण दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में दृश्यता बेहद कम रही। सफदरजंग में दृश्यता 200 मीटर तक पहुंच गई, जबकि पालम में यह 300 मीटर रही। मौसम विभाग के अनुसार, जब दृश्यता 200 से 500 मीटर के बीच होती है, तो इसे मध्यम कोहरा माना जाता है। इससे कम होने पर स्थिति और गंभीर हो जाती है।


प्रदूषण की स्थिति

हालांकि हवा में प्रदूषण के स्तर में हल्का सुधार देखा गया है, लेकिन स्थिति अब भी चिंताजनक बनी हुई है। रविवार शाम को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 377 दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। यह लगातार 11वां दिन है जब प्रदूषण का स्तर बहुत खराब या उससे ऊपर दर्ज किया गया है।


उत्तर भारत में मौसम

पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी


उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में भी मौसम का प्रभाव देखा गया है। जम्मू कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के कारण ताजा बर्फबारी हुई है। गुलमर्ग, सोनमर्ग और साधना टॉप जैसे क्षेत्रों में कई इंच बर्फ जम गई है। हिमाचल के किन्नौर और लाहौल स्पीति में बर्फीले तूफान की चेतावनी जारी की गई है।


मौसम वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी

क्या कहा मौसम वैज्ञानिकों ने?


मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव 23 दिसंबर तक कमजोर पड़ जाएगा। इसके बाद कोहरे की तीव्रता में कुछ कमी आ सकती है, लेकिन पूरी तरह से राहत मिलने की संभावना नहीं है। IMD ने 27 दिसंबर तक कोई कलर-कोडेड कोहरे का अलर्ट जारी नहीं किया है, लेकिन 26 और 27 दिसंबर को मध्यम कोहरे के साथ-साथ कुछ स्थानों पर घने कोहरे का पूर्वानुमान लगाया है।


स्काईमेट के उपाध्यक्ष महेश पालावत का कहना है कि जनवरी में फिर से कई पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकते हैं, जिससे घने कोहरे की समस्या और बढ़ सकती है।