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दिल्ली में दिवाली के बाद प्रदूषण का संकट: AQI 400 के पार

दिल्ली में दिवाली के दिन हुई आतिशबाजी के बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार पहुंच गया है। आम आदमी पार्टी ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि वह प्रदूषण डेटा छिपा रही है। सौरभ भारद्वाज ने सीएम रेखा गुप्ता पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें AQI के बारे में बात करना नहीं आता। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति क्या है।
 

दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति


दिल्ली में प्रदूषण का संकट: राजधानी दिल्ली में दिवाली के दिन भारी आतिशबाजी हुई, जिसके परिणामस्वरूप मंगलवार की सुबह कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के स्तर को पार कर गया। यहां के 38 में से 36 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों ने 'रेड जोन' में प्रदूषण की स्थिति दर्ज की। आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि AQI 999 से भी अधिक है और दिल्ली सरकार डेटा को छिपा रही है।


आप नेता सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए, जिसमें उन्होंने एक मीडिया कार्यक्रम का वीडियो साझा किया, जिसमें सीएम रेखा गुप्ता शामिल थीं। उन्होंने लिखा, 'जिस सीएम को AQI के बारे में बात करना नहीं आता, उनसे आप क्या उम्मीद कर सकते हैं?' इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि पहले संदेह था कि भाजपा की दिल्ली सरकार का पटाखा लॉबी के साथ कोई समझौता था, लेकिन अब यह लगभग निश्चित है।



दिल्ली के प्रदूषण स्तरों के बारे में सौरभ भारद्वाज ने सवाल उठाया कि दिवाली की रात PM2.5 और PM10 के डेटा क्यों उपलब्ध नहीं थे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार प्रदूषण डेटा में हेराफेरी कर रही है। उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, 'AQI 999 से भी अधिक है... सरकार डेटा छुपा रही है, लेकिन लोगों के अपने प्रदूषण मॉनिटरिंग उपकरण सच दिखा रहे हैं।'



केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली के 38 में से 36 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों ने 'रेड जोन' में प्रदूषण दर्ज किया। दिवाली के अगले दिन, मंगलवार सुबह 6 बजे दिल्ली का औसत AQI 347 था, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। कुछ स्थानों पर AQI 400 को पार कर गया।



इस बीच, बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर, केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप के दूसरे चरण को लागू किया है। हालांकि, आतिशबाजी ने इन प्रयासों को विफल कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में हरे पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दी थी, लेकिन देर रात तक आतिशबाजी जारी रही, जिससे हवा और भी जहरीली हो गई।