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दिल्ली में बारिश का असर: हवाई सेवाएं प्रभावित, तापमान में गिरावट

दिल्ली-एनसीआर में बुधवार को बारिश के बाद ठंडी सुबह का अनुभव हुआ। पश्चिमी विक्षोभ के कारण तापमान में गिरावट आई है। हवाई सेवाओं पर भी इसका असर पड़ा है, जिसमें लगभग 100 उड़ानें विलंबित रहीं। मौसम विभाग ने बताया कि आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट हो सकती है। अक्टूबर में अब तक की बारिश सामान्य औसत से पांच गुना अधिक दर्ज की गई है। जानें इस मौसम के बारे में और क्या जानकारी है।
 

दिल्ली-एनसीआर में ठंडी सुबह का अनुभव

दिल्ली-एनसीआर के निवासियों ने बुधवार की सुबह बारिश के बाद ठंडी और सुखद मौसम का आनंद लिया। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से तापमान में कमी आई, जिससे दिनभर हल्की ठंड और दृश्यता में कमी बनी रही। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि बारिश रुकने की संभावना है, लेकिन आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट हो सकती है।


हवाई यातायात पर बारिश का प्रभाव

बारिश ने हवाई सेवाओं को भी प्रभावित किया। अधिकारियों के अनुसार, लगभग 100 उड़ानें विलंबित रहीं और 15 उड़ानों को अन्य शहरों की ओर मोड़ना पड़ा। इनमें से आठ उड़ानें जयपुर, पांच लखनऊ और दो चंडीगढ़ की ओर भेजी गईं। नियमों के अनुसार, यदि कोई उड़ान 15 मिनट या उससे अधिक देरी से पहुंचती है, तो उसे विलंबित श्रेणी में रखा जाता है।


रात से शाम तक बारिश का सिलसिला

मंगलवार रात 2 बजे से 5 बजे के बीच हल्की बूंदाबांदी हुई, जबकि दोपहर 2:30 से शाम 5:30 बजे तक तेज़ बारिश ने लोगों को भीगने पर मजबूर कर दिया। आसमान में घने बादल छाने से दृश्यता में कमी आई। मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ऊपरी हिमालयी क्षेत्रों में हुई नई बर्फबारी के कारण दिल्ली का न्यूनतम तापमान 1 से 2 डिग्री सेल्सियस तक नीचे जा सकता है।


विभिन्न क्षेत्रों में बारिश का आंकड़ा

आईएमडी के अनुसार, मंगलवार सुबह 8:30 बजे तक सफदरजंग स्टेशन पर 12.6 मिमी और शाम 5:30 बजे तक 5.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसी दौरान पालम (आईजीआई एयरपोर्ट) पर 41.6 मिमी, लोधी रोड पर 5.8 मिमी, रिज क्षेत्र में 37 मिमी, आयानगर में 5.1 मिमी, पूसा में 22.5 मिमी और मयूर विहार में 20 मिमी वर्षा हुई।


आईएमडी के अनुसार बारिश की श्रेणी

आईएमडी के अनुसार,



  • 15.5 मिमी तक की बारिश को हल्की

  • 15.6 से 64.4 मिमी को मध्यम

  • 64.5 से 115.5 मिमी को भारी

  • 115.5 मिमी से अधिक को बहुत भारी वर्षा माना जाता है।


पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव

आईएमडी के अधिकारियों के अनुसार, यह वर्षा एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई, जिसने उत्तरी राजस्थान और हरियाणा क्षेत्र में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनाया। इसके साथ ही लगभग 9.6 किलोमीटर ऊंचाई तक फैला एक चक्रवाती परिसंचरण भी सक्रिय रहा, जो उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर झुकाव लिए हुए था। विभाग ने बताया कि इसका असर बुधवार शाम तक कम हो जाएगा। बारिश के चलते पालम क्षेत्र में दृश्यता 6,000 मीटर से घटकर 1,200 मीटर तक पहुंच गई।


अक्टूबर में सामान्य से अधिक बारिश

अक्टूबर महीने में सफदरजंग क्षेत्र में अब तक 80.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जो सामान्य औसत 15.1 मिमी से पांच गुना अधिक है। पिछले वर्ष अक्टूबर में शहर में बारिश नहीं हुई थी, जबकि 2023 में 5.4 मिमी और 2022 में 128.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। दिल्ली में अक्टूबर की अब तक की सबसे अधिक वर्षा 1954 में 238.3 मिमी दर्ज की गई थी।


इस वर्ष मई से ही दिल्ली में सामान्य से अधिक वर्षा हो रही है।



  • मई: 186.4 मिमी (औसत 30.7 मिमी से छह गुना अधिक)

  • जून: 107.1 मिमी (LPA से 45% अधिक)

  • जुलाई: 259.3 मिमी (LPA से 24% अधिक)

  • अगस्त: 400.1 मिमी (15 वर्षों में सबसे अधिक, LPA से 72% अधिक)

  • सितंबर: 136.1 मिमी (सामान्य से 10% अधिक)