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दिल्ली में ब्लास्ट की जांच में नया खुलासा: आरोपी की गतिविधियाँ संदिग्ध

दिल्ली में 10 नवंबर को हुए धमाके की जांच में आरोपी डॉ उमर मोहम्मद की गतिविधियों पर कई नए खुलासे हुए हैं। जांच में पता चला है कि उसने लाल किला की पार्किंग में विस्फोटक उपकरण को असेंबल किया था। इस घटना में 13 लोगों की जान गई और 20 से अधिक लोग घायल हुए। जांच एजेंसियां अब यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि उमर इतनी सुरक्षित जगह पर घंटों तक क्यों बैठा रहा और क्या अन्य स्लीपर सेल सक्रिय हैं। जानें इस मामले की पूरी कहानी।
 

दिल्ली में हुए धमाके की जांच में महत्वपूर्ण जानकारी


नई दिल्ली: 10 नवंबर को दिल्ली में हुए धमाके की जांच में एक महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया है। जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, आरोपी डॉ उमर मोहम्मद ने लाल किला की सार्वजनिक पार्किंग में विस्फोटक उपकरण को तैयार किया था। यह पार्किंग देश के सबसे सुरक्षित क्षेत्रों में से एक मानी जाती है। उमर पुलवामा के कोइल गांव का निवासी है और उसने हरियाणा नंबर की हुंडई i20 कार का इस्तेमाल किया था।


यह कार लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास अचानक विस्फोट के साथ फट गई, जिसमें 13 लोगों की जान गई और 20 से अधिक लोग घायल हुए। जांच एजेंसियों ने उमर द्वारा लाल किला पार्किंग में बिताए गए तीन संदिग्ध घंटों पर ध्यान केंद्रित किया है। रिकॉर्ड के अनुसार, कार दोपहर 3:19 बजे पार्किंग में दाखिल हुई और शाम 6:22 बजे बाहर निकली। इस दौरान उमर एक बार भी कार से बाहर नहीं निकला।


फोरेंसिक जांच के परिणाम

फोरेंसिक जांच में क्या आया सामने?


जांच एजेंसियों का मानना है कि वह इसी दौरान बम को असेंबल कर रहा था या अपने हैंडलर्स के संपर्क में था। डिजिटल फोरेंसिक जांच में उमर के फोन पर उस दिन इंटरनेट गतिविधियों में असामान्य वृद्धि देखी गई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि वह अपने नेटवर्क के साथ लगातार संपर्क में था। सूत्रों के अनुसार, साजिशकर्ताओं की योजना थी कि भीड़-भाड़ वाले स्थान पर धमाका किया जाए, लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि सोमवार को लाल किला बंद रहता है।


धमाके की योजना में बदलाव

क्यों किया प्लान चेंज?


पार्किंग लगभग खाली थी, इसलिए वहां धमाका करने की योजना को छोड़ दिया गया। पार्किंग से बाहर निकलने के बाद, उमर नेताजी सुभाष मार्ग की ओर बढ़ा, जो लाल किला को चांदनी चौक से जोड़ता है। सड़क पर भीड़ बढ़ने के बीच, उसने कार में लगाए गए विस्फोटक उपकरण को सक्रिय किया, जिसके बाद तेज धमाका हुआ और कई लोगों की जान चली गई।


जांच एजेंसियों की चिंताएँ

समय से पहले क्यों किया विस्फोट?


अब जांच एजेंसियां यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि उमर इतनी सुरक्षित जगह पर घंटों तक क्यों बैठा रहा। क्या वह किसी स्लीपर सेल सदस्य का इंतजार कर रहा था, या उसे अतिरिक्त लॉजिस्टिक सहायता का संदेश मिलने वाला था? एजेंसियां यह भी देख रही हैं कि हाल ही में नेटवर्क से जुड़े कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद क्या मॉड्यूल में घबराहट फैल गई थी, जिसके कारण यह हमला समय से पहले किया गया।


स्लीपर सेल की संभावित सक्रियता

क्या और भी स्लीपर सेल हैं सक्रिय?


दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां अब पूरी घटना की जांच कर रही हैं, विस्फोटकों के स्रोत का पता लगा रही हैं और मॉड्यूल के अन्य सदस्यों की पहचान कर रही हैं। वे संचार के लिए इस्तेमाल किए गए टेलीग्राम ग्रुप की भी जांच कर रही हैं और यह भी पता लगा रही हैं कि क्या और भी सक्रिय स्लीपर सेल मौजूद हैं।