दिल्ली में मानसून का कहर: भारी बारिश और रेड अलर्ट जारी
मौसम अपडेट: मानसून की वापसी
मौसम अपडेट: देश के विभिन्न हिस्सों में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है, जिससे कई राज्यों में बारिश का सिलसिला तेज हो गया है। दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में जोरदार बारिश हो रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 24 से 26 अगस्त के बीच जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार में हल्की से लेकर भारी वर्षा की संभावना जताई है। इसके साथ ही, देश के अन्य हिस्सों में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है.
दिल्ली में रेड अलर्ट
दिल्ली में रेड अलर्ट
शनिवार की शाम को दिल्ली के कई क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ भारी बारिश हुई। मौसम विभाग ने अगले तीन घंटों के लिए 'रेड अलर्ट' जारी करते हुए अत्यधिक वर्षा की चेतावनी दी है। विभाग ने बताया कि रविवार को दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। दिल्ली के सिविल लाइंस, लाल किला, लाजपत नगर, नरेला, बवाना, अलीपुर और आईटीओ जैसे क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश के साथ तेज हवाएं चलने का अनुमान है.
पर्वतीय राज्यों में खतरे का अलर्ट
पर्वतीय राज्यों में खतरे का अलर्ट
IMD ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और बादल फटने का खतरा बताया है। विभाग के अनुसार, रविवार से लेकर सप्ताह के अंत तक उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में बादल फटने, वज्रपात और लैंडस्लाइड की घटनाओं की संभावना बनी रहेगी.
उत्तराखंड में तबाही
उत्तराखंड में तबाही
उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। उत्तरकाशी के धराली और स्यानाचट्टी क्षेत्रों के बाद अब चमोली जिले के थराली और नारायणबगड़ ब्लॉक में आधी रात को बादल फटने से भारी तबाही हुई। तेज पानी और मलबे के बहाव ने कई भवनों और दुकानों को नुकसान पहुंचाया.
जनहानि और नुकसान
जनहानि और नुकसान
इस घटना में एक युवती और एक बुजुर्ग मलबे के नीचे दब गए। युवती का शव बरामद कर लिया गया है जबकि बुजुर्ग की तलाश जारी है। इसके अलावा, छह लोग घायल हुए हैं जिन्हें एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया है। कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और मुख्य मार्गों व ग्रामीण रास्तों पर यातायात प्रभावित हुआ है.
लोगों में दहशत
लोगों में दहशत
आपदा के कारण स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया। कई घरों में मलबा घुसने के कारण लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हुए और पूरी रात दहशत में गुजारी। कर्णप्रयाग-ग्वालदम राजमार्ग का करीब 15 मीटर हिस्सा कुलसारी के पास बह गया, जिससे यातायात ठप हो गया.