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दिल्ली में लाल किला कार विस्फोट: स्पेशल सेल ने दर्ज की नई एफआईआर

दिल्ली में लाल किला कार विस्फोट के मामले में स्पेशल सेल ने एक नई एफआईआर दर्ज की है। जांच में मिले सीसीटीवी फुटेज से धमाके की तीव्रता का पता चला है। इस घटना में 13 लोगों की जान गई और 20 से अधिक लोग घायल हुए। फोरेंसिक जांच में उच्च श्रेणी के विस्फोटकों का उपयोग होने की पुष्टि हुई है। जानें इस मामले में आगे की कार्रवाई और संभावित गिरफ्तारियों के बारे में।
 

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की कार्रवाई


नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने लाल किला कार विस्फोट के मामले में आपराधिक साजिश के तहत एक नई एफआईआर दर्ज की है। पहले विस्फोट के बाद स्थानीय थाने में प्राथमिक एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन अब आतंकवाद निरोधी इकाई ने मामले की गहन जांच अपने हाथ में ले ली है।


CCTV फुटेज से मिली जानकारी

स्पेशल सेल ने यह कदम तब उठाया जब उन्हें लाल किला मेट्रो स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज मिले। इन फुटेज में विस्फोट की तीव्रता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। धमाका इतना शक्तिशाली था कि स्टेशन की जमीन लगभग 40 फीट गहराई तक हिल गई। अचानक आए झटके से पूरा स्टेशन कुछ क्षणों के लिए कांप उठा, जिससे यह समझा जा सकता है कि सड़क पर क्या भयानक घटना हुई होगी।


CCTV फुटेज से धमाके की भयावहता का पता चला


वीडियो में एक खाने-पीने की दुकान की वस्तुएं तेजी से हिलती नजर आती हैं। वहां मौजूद यात्री अचानक घबरा जाते हैं और कुछ पीछे हटते हैं, फिर तुरंत सुरक्षा की ओर भागते हैं। जांच अधिकारियों का कहना है कि फुटेज में दिखी हलचल इस बात का प्रमाण है कि धमाका अत्यंत शक्तिशाली था।


सड़क पर विस्फोट का प्रभाव

विस्फोट भूमिगत स्टेशन के ठीक ऊपर सड़क पर हुआ था। अधिकारियों का कहना है कि यदि सड़क या संरचना को अधिक नुकसान होता, तो इसका सीधा असर नीचे चलने वाली मेट्रो लाइन पर पड़ सकता था। फिलहाल, खतरे की आशंका टल गई है, लेकिन यह घटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चेतावनी है।


संभावित गिरफ्तारियां

हो सकती है कई अहम गिरफ्तारियां


स्पेशल सेल द्वारा जांच शुरू होते ही इस हमले की बड़ी साजिश को समझने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस धमाके में 13 लोगों की जान गई थी और 20 से अधिक लोग घायल हुए थे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां हो सकती हैं और फोरेंसिक टीमें महत्वपूर्ण सबूत जुटा रही हैं।


फोरेंसिक जांच के परिणाम

फोरेंसिक जांच में क्या सामने आया?


फोरेंसिक जांच में पता चला है कि विस्फोट में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक उच्च श्रेणी के थे। टीमों ने घटनास्थल से 40 से अधिक नमूने एकत्र किए हैं, जिनमें कारतूस, जिंदा कारतूस और विस्फोटक सामग्री के कई अंश शामिल हैं। प्रारंभिक जांच से यह भी संकेत मिला है कि एक नमूने में अमोनियम नाइट्रेट मौजूद था, लेकिन उससे भी अधिक शक्तिशाली पदार्थ का उपयोग किया गया है।


विस्फोट सोमवार शाम को हुआ, जब एक धीमी गति से चलती हुंडई i20 कार लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास आकर रुक गई और अचानक उसमें आग लग गई। बाद में डीएनए जांच से यह पुष्टि हुई कि कार चलाने वाले व्यक्ति अल-फलाह यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद के सहायक प्रोफेसर डॉ. उमर नबी थे।