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दिल्ली में वायु गुणवत्ता में गिरावट: AQI 433 तक पहुंचा

दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 433 तक पहुंच गया है, जो गंभीर स्थिति को दर्शाता है। ठंड और घने कोहरे ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है। प्रशासन ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कठोर कदम उठाए हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में राहत की उम्मीद नहीं है। जानें इस गंभीर स्थिति के बारे में अधिक जानकारी और प्रशासन के उपाय।
 

दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में गिरावट


नई दिल्ली: भारत की राजधानी दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता लगातार deteriorate हो रही है। आज सुबह दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 390 था, जो अब बढ़कर 433 तक पहुंच गया है, जो कि 'गंभीर' श्रेणी के निकट है। प्रदूषण के साथ-साथ घने कोहरे ने भी लोगों की समस्याओं को बढ़ा दिया है। मौसम विभाग (IMD) ने आज के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस मौसम में लोगों के लिए सांस लेना कठिन हो गया है।


कई क्षेत्रों में AQI खतरनाक स्तर पर

दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि लोगों के लिए यहां सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के 'समीर ऐप' के अनुसार, दिल्ली के 19 मॉनिटरिंग स्टेशनों पर हवा 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच चुकी है।


सुबह के समय आनंद विहार में AQI 457 तक पहुंच गया, जबकि नोएडा में स्थिति और भी खराब रही, जहां AQI 419 तक पहुंच गया। गुड़गांव में भी हवा की गुणवत्ता खराब रही, जहां AQI 352 दर्ज किया गया। इन क्षेत्रों में लोगों के लिए सांस लेना कठिन हो गया है।


ठंड, स्मॉग और कोहरे का प्रभाव

दिल्ली में प्रदूषण के साथ ठंड का भी असर देखने को मिल रहा है। ठंड बढ़ने के साथ हवा की गति धीमी हो गई है, जिससे प्रदूषक कण हवा में फंसे रह जाते हैं। सुबह के समय घना कोहरा दृश्यता को और कम कर रहा है, जिससे सड़क और हवाई यातायात पर भी प्रभाव पड़ रहा है।


प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रशासन के कदम

प्रशासन ने प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए कई कठोर कदम उठाए हैं। बिना PUC वाले वाहनों को ईंधन नहीं दिया जा रहा है और कई गतिविधियों पर अस्थायी रोक लगाई गई है। आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं (16.22%) और औद्योगिक इकाइयां (8.4%) हैं।


अगले दिनों में राहत की उम्मीद नहीं

विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान मौसम में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा है। आने वाले लगभग 7 दिनों तक सुबह के समय घना कोहरा और खराब हवा बनी रह सकती है। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है, विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों को इससे बचने के लिए निर्देश दिए गए हैं।