दिल्ली में वायु गुणवत्ता में गिरावट, प्रदूषण के कारणों पर नजर
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में गिरावट
नई दिल्ली: दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं, और एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को AQI 373 दर्ज किया गया, जो बुधवार के 334 से काफी अधिक है। कई क्षेत्रों में देर रात AQI गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। मौसम की खराब स्थिति, घने कोहरे और धीमी हवाओं के कारण प्रदूषक कण हवा में फंसे रहे।
दिल्ली में ठंड का असर
इस दिन दिल्ली में इस सीजन का सबसे ठंडा दिसंबर दिन भी देखा गया। भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान और मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार तक हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में रहने की संभावना है। रविवार को इसके गंभीर स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। अगले छह दिनों का पूर्वानुमान भी बहुत खराब से गंभीर श्रेणी के बीच रहने का संकेत दे रहा है।
प्रदूषण के मुख्य कारण
DSS यानी डिसीजन सपोर्ट सिस्टम के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को दिल्ली में प्रदूषण में वाहनों का योगदान लगभग 18.3 प्रतिशत रहा। राजधानी और उसके आसपास की औद्योगिक गतिविधियों से करीब 9 प्रतिशत प्रदूषण उत्पन्न हुआ। हरियाणा के झज्जर से 12.4 प्रतिशत प्रदूषण आया, इसके बाद सोनीपत से 8 प्रतिशत और जींद से लगभग 3 प्रतिशत प्रदूषण दर्ज किया गया।
एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति
एनसीआर के अन्य शहरों की स्थिति भी गंभीर रही। गुरुग्राम में AQI 276 रहा, जो खराब श्रेणी में आता है। वहीं, नोएडा में AQI 397 दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया।
दिल्ली का तापमान
दिल्ली में अधिकतम तापमान 20.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.1 डिग्री कम है। यह इस साल का सबसे ठंडा दिसंबर दिन रहा। न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से थोड़ा अधिक है।
मौसम विभाग की जानकारी
मौसम विभाग ने बताया कि पालम और सफदरजंग एयरपोर्ट पर सुबह के समय घना कोहरा देखा गया, जिससे दृश्यता घटकर 100 मीटर रह गई। सतही हवाएं 10 किलोमीटर प्रति घंटे से कम रहीं और मिक्सिंग कंडीशन कमजोर रही, जिससे प्रदूषण फैल नहीं सका।
भविष्य की स्थिति
आने वाले दिनों में वेंटिलेशन इंडेक्स में तेज गिरावट की संभावना है, जिससे प्रदूषण और अधिक बढ़ सकता है। इस बीच, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कचरा और बायोमास जलाने की घटनाओं पर चिंता जताई है। एमसीडी को कचरा निपटान में तेजी लाने और हर महीने प्रगति रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।