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दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए क्लाउड सीडिंग की तैयारी

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए क्लाउड सीडिंग की योजना बनाई है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि यदि मौसम अनुकूल रहा, तो अगले दो-तीन दिनों में कृत्रिम वर्षा कराई जा सकती है। दिवाली के दौरान ग्रीन पटाखों की अनुमति भी दी गई है। जानें इस योजना के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति


दिल्ली में वायु प्रदूषण: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को जानकारी दी कि यदि मौसम अनुकूल रहा, तो सरकार अगले दो-तीन दिनों में क्लाउड सीडिंग या कृत्रिम वर्षा का कार्य शुरू कर सकती है। यह घोषणा वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 के पार जाने के बाद ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-1) के पहले चरण के तहत प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद की गई है।


दिवाली के दौरान ग्रीन पटाखों की अनुमति

दिवाली से एक सप्ताह पहले, 18 से 21 अक्टूबर तक, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है। यह अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी गई है, ताकि प्रदूषण नियंत्रण और लोगों की दिवाली मनाने की क्षमता के बीच संतुलन बनाया जा सके। क्लाउड सीडिंग, ग्रीन पटाखे (GRAP) और हरित पटाखे - ये सभी अलग-अलग आदेश हैं, लेकिन इनका एक ही उद्देश्य है - राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को कम करना।


क्लाउड सीडिंग के लिए पायलट प्रशिक्षण पूरा

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि क्लाउड सीडिंग के लिए पायलट प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि यदि अगले दो-तीन दिनों में मौसम अनुकूल रहता है, तो आईएमडी की मंजूरी के साथ, सरकार इस प्रक्रिया के लिए तीन घंटे के भीतर तैयार हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इस साल अधिकांश दिनों में आसमान साफ रहा, भले ही सड़कों पर पुराने वाहन मौजूद हैं।


दिल्ली सरकार की कृत्रिम बारिश की योजना

दिल्ली सरकार पिछले तीन महीनों से कृत्रिम बारिश कराने की योजना बना रही है। प्रारंभ में, 4 से 11 जुलाई के बीच क्लाउड सीडिंग कराने की योजना थी, लेकिन मानसून के दौरान प्रदूषण के स्तर में कमी के कारण इस विचार की आलोचना की गई। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि सीडिंग के लिए मानसूनी बादलों की आवश्यकता होती है।