दिल्ली में स्कूल फीस नियंत्रण बिल पर अभिभावकों की चिंताएं बढ़ीं
दिल्ली में स्कूल फीस नियंत्रण बिल का विवाद
दिल्ली में भाजपा सरकार द्वारा पेश किए गए स्कूल फीस नियंत्रण बिल ने अभिभावकों के बीच चिंता का माहौल बना दिया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह बिल निजी स्कूलों को मनमानी करने की अनुमति देगा, जिससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
ऑडिट प्रावधान का हटना, शिकायत के लिए 15% अभिभावकों की आवश्यकता
सौरभ भारद्वाज ने बिल की प्रति का उल्लेख करते हुए कहा, "नए कानून में स्कूलों के ऑडिट का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है और बढ़ी हुई फीस की शिकायत के लिए कम से कम 15 प्रतिशत अभिभावकों का होना अनिवार्य कर दिया गया है।" पहले एक अभिभावक भी फीस वृद्धि की शिकायत कर सकता था, लेकिन अब, उदाहरण के लिए, 3000 बच्चों वाले स्कूल में 450 अभिभावकों के हस्ताक्षर की आवश्यकता होगी। उन्होंने सवाल उठाया, "इतने अभिभावकों को कौन ढूंढेगा?"
फीस निर्धारण समिति में स्कूलों का वर्चस्व
बिल में 10 सदस्यीय फीस निर्धारण समिति का प्रावधान है, जिसमें 5 सदस्य स्कूल के होंगे और 5 अभिभावकों के, जिन्हें स्कूल लॉटरी से चुनेगा। भारद्वाज ने कहा, "इस समिति में स्कूल के पांच सदस्य होंगे और अभिभावकों के पांच सदस्य भी स्कूल द्वारा लॉटरी से चुने जाएंगे, जो फीस बढ़ाने में मदद करेंगे।" इससे स्कूल के मालिक अपने पसंदीदा लोगों को समिति में शामिल कर मनमानी फीस वृद्धि कर सकेंगे।
अप्रैल में फीस वृद्धि पर सवाल उठाना
भारद्वाज ने बताया कि अप्रैल में कई स्कूलों ने 80-82% तक फीस बढ़ाई। डीपीएस द्वारका के बाहर अभिभावकों ने धरना दिया, और बच्चों को प्रताड़ित किया गया। उन्होंने पूछा, "सीएम और शिक्षा मंत्री बताएं, अप्रैल में जिन स्कूलों ने मनमाने तरीके से फीस बढ़ाई है, नए कानून से उसे वापस कैसे कराएंगे?" उन्होंने यह भी सवाल किया कि ऑडिट प्रावधान क्यों हटाया गया और बिना ऑडिट के फीस वृद्धि कैसे नियंत्रित होगी।
शिक्षा माफिया को बढ़ावा देने का आरोप
भारद्वाज ने चेतावनी दी कि यह बिल शिक्षा माफिया को मजबूत करेगा। "यह तो ऐसे ही है जैसे किसी गली में सीवर भर गया हो, तो पहले मोहल्ले के 15 प्रतिशत लोगों से हस्ताक्षर कराओ, तब सीवर खुलेगा।" उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा स्कूलों का ऑडिट करने की नहीं है, जिससे निजी स्कूलों की मनमानी बढ़ेगी।