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दिल्ली विधानसभा में नियमों में बदलाव की तैयारी

दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने विधानसभा में नियमों में बदलाव की योजना की घोषणा की है। यह बदलाव एनसीटी दिल्ली (संशोधन) अधिनियम, 2021 के तहत किए जाएंगे। इसके साथ ही, विधानसभा की कार्यप्रणाली को अधिक समावेशी और स्पष्ट बनाने के लिए विधान भाषा को सरल किया जाएगा। विधानसभा के पहले 100 दिनों की उपलब्धियों को दर्शाने के लिए एक विशेष रिपोर्ट कार्ड भी तैयार किया जा रहा है। जानें इस बदलाव के पीछे की सोच और इसके संभावित प्रभाव।
 

नियमों में बदलाव की घोषणा


दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने हाल ही में घोषणा की है कि विधानसभा में एनसीटी दिल्ली (संशोधन) अधिनियम, 2021 के तहत नियमों में बदलाव किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विधान भाषा को सरल बनाने और लैंगिक-निरपेक्ष शब्दों के उपयोग को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा, जिससे विधानसभा की कार्यप्रणाली अधिक समावेशी और स्पष्ट हो सके। इसके साथ ही, विधानसभा नियमावली के नियम 280 की समीक्षा की जाएगी और इसे लोकसभा और राज्यसभा की प्रक्रियाओं के अनुरूप बनाया जाएगा।


रिपोर्ट कार्ड के माध्यम से उपलब्धियों का मूल्यांकन

आठवीं विधानसभा अपने 100वें कार्य दिवस की ओर बढ़ रही है, जो 4 जून 2025 को होगा। इस अवधि में कई महत्वपूर्ण निर्णय और सुधार किए गए हैं। इन उपलब्धियों को दर्शाने के लिए एक विशेष रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा रहा है, जिसमें विधानसभा के पहले 100 दिनों की प्रमुख उपलब्धियों का विवरण होगा। यह रिपोर्ट पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति विधानसभा की प्रतिबद्धता को दर्शाएगी।


दिल्ली विधानसभा के सत्रों की जानकारी

अब तक दो पूर्ण सत्र आयोजित किए जा चुके हैं, जबकि पहले केवल एक सत्र होता था। कुल 12 बैठकें हुईं, जिनमें 46 घंटे 16 मिनट तक कार्य हुआ, जो पिछले 25 वर्षों में सबसे अधिक है। कार्यवाही कई बार शाम 7 बजे तक चली। सदन को अवसान किया जा रहा है, न कि अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, जो एक अधिक नियोजित और जवाबदेह विधान कार्य प्रणाली की ओर संकेत करता है। अध्यक्ष ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों और ट्रांसजेंडर व दिव्यांग व्यक्तियों के कल्याण के लिए दो नई समितियाँ गठित की गई हैं। इन समितियों के ढाँचे और कार्यप्रणाली को नियम समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।