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दिल्ली हाईकोर्ट ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल गांधी को नोटिस जारी किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित सात आरोपियों को नोटिस जारी किया है। यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है, जिसमें आरोप है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने 2,000 करोड़ रुपए की संपत्ति पर अवैध कब्जा किया। अगली सुनवाई 12 मार्च 2026 को होगी। जानें इस हाई-प्रोफाइल मामले की पूरी जानकारी और इसके संभावित प्रभाव।
 

दिल्ली हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय

नई दिल्ली - नेशनल हेराल्ड मामले में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित सात आरोपियों को नोटिस जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च 2026 को निर्धारित की गई है।


राऊज एवेन्यू कोर्ट के निर्णय को चुनौती देते हुए, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संज्ञान लेने से इनकार किया गया था, ईडी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से मना कर दिया था। ईडी की ओर से वरिष्ठ वकील तुषार मेहता ने अदालत में कहा कि आरोपियों को 50 लाख रुपए की राशि के बदले 2,000 करोड़ रुपए की संपत्ति प्राप्त हुई है। यह मामला जून 2014 में एक व्यक्ति द्वारा दायर की गई प्राइवेट कंप्लेन से शुरू हुआ था, जिस पर निचली अदालत ने संज्ञान लिया था, लेकिन बाद में दिल्ली हाईकोर्ट ने उस पर स्टे लगा दिया था।


तुषार मेहता ने अदालत में कहा कि यदि कोई एक पृष्ठ की एफआईआर दर्ज करता है, तो यह ईडी के अपराध का मामला हो सकता है, लेकिन क्या कोर्ट द्वारा सेक्शन 200 सीआरपीसी के तहत संज्ञान लेना ईडी की शिकायत का आधार नहीं हो सकता? अदालत ने कहा कि यदि कोर्ट ने निजी शिकायत का संज्ञान लिया है, तो ईडी कुछ नहीं कर सकती। मेहता ने यह भी कहा कि निचली अदालत ने एक बड़ी गलती की है, जो न केवल इस मामले पर बल्कि अन्य मामलों पर भी प्रभाव डालेगी।


इससे पहले, राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने ईडी की शिकायत को विधिवत न मानते हुए संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था। हालांकि, कोर्ट ने सोनिया और राहुल गांधी को राहत देते हुए स्पष्ट किया कि ईडी कानून के अनुसार अपनी जांच जारी रखने के लिए स्वतंत्र है। गांधी परिवार के अलावा, ईडी ने सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, सुनील भंडारी, यंग इंडियन और डॉटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड को भी इस मामले में प्रस्तावित आरोपी बनाया है। यह मामला उन आरोपों से संबंधित है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने नेशनल हेराल्ड अखबार के मूल प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा करने के लिए साजिश रची। उन्होंने यंग इंडियन के माध्यम से केवल 50 लाख रुपए का भुगतान किया, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी शेयरधारक हैं।