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दिवाली पर GST दरों में कटौती: प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवाली के अवसर पर GST दरों में कटौती का ऐलान किया है, जिससे रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होंगी। इस कदम से MSME क्षेत्र और आम उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा। सरकार 12% और 28% स्लैब को समाप्त कर केवल 5% और 18% स्लैब को लागू करने की योजना बना रही है। वहीं, लग्जरी आइटम पर टैक्स बढ़ाने की भी संभावना है। जानें इस निर्णय के पीछे की रणनीति और इसके संभावित प्रभाव।
 

दिवाली पर GST दरों में कटौती

दिवाली पर GST दरों में कटौती: प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा ऐलान, रोजमर्रा की वस्तुएं होंगी सस्ती: दिवाली के अवसर पर GST दरों में कमी की खबर ने आम जनता के चेहरे पर खुशी ला दी है। स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेत दिया था कि सरकार दिवाली तक GST में महत्वपूर्ण सुधार कर सकती है। यह कदम न केवल आम लोगों को राहत देगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा।


मोदी सरकार इस योजना पर राज्यों के साथ मिलकर कार्य कर रही है। अनुमान है कि 12% और 28% वाले स्लैब को समाप्त कर केवल 5% और 18% स्लैब को रखा जाएगा। इससे रोजमर्रा की वस्तुएं जैसे साबुन, टूथपेस्ट, जूते, कपड़े आदि सस्ते हो सकते हैं। दिवाली पर GST दरों में कटौती से त्योहारों के मौसम में खरीदारी को बढ़ावा मिलेगा।


MSME और आम जनता को मिलेगा सीधा लाभ


(GST सुधार भारत) का सबसे बड़ा लाभ MSME क्षेत्र और आम उपभोक्ताओं को होगा। सरकार 5% स्लैब में बदलाव कर रही है ताकि दैनिक उपयोग की वस्तुएं सस्ती हो सकें। 12% स्लैब में शामिल वस्तुएं जैसे बादाम, काजू, सूखे मेवे, घी, 500 रुपए से कम कीमत वाले जूते-चप्पल, 1000 रुपए से कम कीमत की साड़ी और कुर्ते, कंप्यूटर चार्जर, कृषि उत्पाद अब 5% टैक्स स्लैब में आ सकते हैं।


इससे छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी और आम जनता को त्योहारों पर सस्ते सामान मिलेंगे। (GST सामान्य वस्तुएं) पर टैक्स कटौती से बाजार में मांग बढ़ेगी और आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी।


लग्जरी आइटम पर नया स्लैब, टैक्स बढ़ने की संभावना


जहां एक ओर आम जनता को राहत दी जा रही है, वहीं सरकार (GST लग्जरी आइटम) पर टैक्स बढ़ाने की योजना भी बना रही है। सूत्रों के अनुसार, सरकार 40% का नया टैक्स स्लैब ला सकती है जिसमें पान मसाला, तंबाकू और अन्य लग्जरी आइटम शामिल होंगे। इससे स्वास्थ्य पर असर डालने वाले उत्पादों की खपत पर नियंत्रण किया जा सकेगा।


(GST नया स्लैब) का यह प्रस्ताव अभी विचाराधीन है, लेकिन यदि लागू होता है तो यह एक संतुलित कर सुधार होगा। इससे सरकार को राजस्व मिलेगा और सामाजिक हितों की रक्षा भी होगी।