दुआ पर आधारित 20 बेहतरीन शायरी
दुआ शायरी: प्रेम और आस्था का संगम
Dua Shayari 20 love shayari: शायरी की दुनिया में हर भावना को शब्दों में ढाला जाता है। कुछ लोग इश्क पर लिखते हैं, कुछ इंतज़ार पर, तो कुछ बेवफाई को कागज पर उतारते हैं। लेकिन दुआ पर लिखी गई शायरी का एक अलग ही जादू होता है। शायरों ने दुआ के हर रंग को अपनी लेखनी से सजाया है।
किसी ने प्रेम में मिलन की दुआ मांगी, तो किसी ने ईश्वर की इबादत को शब्दों में ढाला। आज हम आपके लिए 20 प्रसिद्ध दुआ शायरी प्रस्तुत कर रहे हैं, जो आपके दिल को छू लेंगी। आइए, इन शेरों को पढ़ें और इनके जादू में खो जाएं!
इश्क और इबादत की दुआ
शायरी में दुआ का हर रंग देखने को मिलता है। ये शेर न केवल दिल को सुकून देते हैं, बल्कि जिंदगी के विभिन्न पहलुओं को भी बयां करते हैं। यहाँ कुछ चुनिंदा शायरी हैं:
जाते हो ख़ुदा-हाफ़िज़ हां इतनी गुज़ारिश है, जब याद हम आ जाएं मिलने की दुआ करना – जलील मानिकपूरी
दुआ को हाथ उठाते हुए लरज़ता हूं, कभी दुआ नहीं मांगी थी मां के होते हुए – इफ़्तिख़ार आरिफ़
मरज़-ए-इश्क़ जिसे हो उसे क्या याद रहे, न दवा याद रहे और न दुआ याद रहे – शेख़ इब्राहीम ज़ौक़
मुझे ज़िंदगी की दुआ देने वाले, हंसी आ रही है तिरी सादगी पर – गोपाल मित्तल
मैं क्या करूं मिरे क़ातिल न चाहने पर भी, तिरे लिए मिरे दिल से दुआ निकलती है – अहमद फ़राज़
दिल को छूने वाली दुआ शायरी
दुआ की शायरी में प्रेम, दर्द और आस्था का संगम होता है। ये शेर आपके दिल को छू जाएंगे:
दुआ करो कि मैं उस के लिए दुआ हो जाऊं, वो एक शख़्स जो दिल को दुआ सा लगता है – उबैदुल्लाह अलीम
होती नहीं क़ुबूल दुआ तर्क-ए-इश्क़ की, दिल चाहता न हो तो ज़बां में असर कहां – अल्ताफ़ हुसैन हाली
कोई चारह नहीं दुआ के सिवा, कोई सुनता नहीं ख़ुदा के सिवा – हफ़ीज़ जालंधरी
मांग लूं तुझ से तुझी को कि सभी कुछ मिल जाए, सौ सवालों से यही एक सवाल अच्छा है – अमीर मीनाई
हज़ार बार जो मांगा करो तो क्या हासिल, दुआ वही है जो दिल से कभी निकलती है – दाग़ देहलवी
जिंदगी और दर्द की दुआ
दुआ की शायरी में जिंदगी के दर्द और उम्मीद की बातें भी होती हैं:
मांगा करेंगे अब से दुआ हिज्र-ए-यार की, आख़िर तो दुश्मनी है असर को दुआ के साथ – मोमिन ख़ां मोमिन
दुआएं याद करा दी गई थीं बचपन में, सो ज़ख़्म खाते रहे और दुआ दिए गए हम – इफ़्तिख़ार आरिफ़
मांगी थी एक बार दुआ हम ने मौत की, शर्मिंदा आज तक हैं मियाँ ज़िंदगी से हम – अज्ञात
मैं ज़िंदगी की दुआ माँगने लगा हूं बहुत, जो हो सके तो दुआओं को बे-असर कर दे – इफ़्तिख़ार आरिफ़
बाक़ी ही क्या रहा है तुझे मांगने के बाद, बस इक दुआ में छूट गए हर दुआ से हम – आमिर उस्मानी
आस्था और उम्मीद की शायरी
ये शेर आस्था और उम्मीद का संदेश देते हैं:
न चारागर की ज़रूरत न कुछ दवा की है, दुआ को हाथ उठाओ कि ग़म की रात कटे – राजेन्द्र कृष्ण
दुश्मन-ए-जां ही सही दोस्त समझता हूं उसे, बद-दुआ जिस की मुझे बन के दुआ लगती है – मुर्तज़ा बरलास
अभी दिलों की तनाबों में सख़्तियां हैं बहुत, अभी हमारी दुआ में असर नहीं आया – आफ़ताब हुसैन
धूप साए की तरह फैल गई, इन दरख़्तों की दुआ लेने से – काशिफ़ हुसैन ग़ाएर
जाते हो ख़ुदा-हाफ़िज़ हां इतनी गुज़ारिश है, जब याद हम आ जाएं मिलने की दुआ करना – जलील मानिकपूरी
इन शायरी को करें शेयर
ये दुआ भरी शायरी आपके दिल को छू जाएंगी और आपके अपनों के साथ शेयर करने के लिए परफेक्ट हैं। आप इन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सकते हैं या किसी खास को भेजकर अपने जज्बात जाहिर कर सकते हैं। ये शेर इश्क, दर्द, और आस्था का खूबसूरत मिश्रण हैं, जो हर किसी को पसंद आएंगे।