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नागपुर में एमएनएस कार्यकर्ताओं का बैंक में हंगामा, पुलिस ने की कार्रवाई

सोमवार को नागपुर में एमएनएस कार्यकर्ताओं ने यस बैंक की शाखा में हंगामा किया, जिसके चलते पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। यह घटना एक श्रमिक की शिकायत के बाद हुई, जिसने बैंक पर आरोप लगाया कि उसने उसकी मशीन को बिना सूचना बेचा। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
 

नागपुर में बैंक में हंगामा

सोमवार को नागपुर में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के कार्यकर्ताओं ने यस बैंक की एक शाखा में घुसकर हंगामा किया। एक उधारकर्ता की शिकायत पर नाराज कार्यकर्ताओं ने बैंक के एक कर्मचारी को थप्पड़ मारा और बैंक को भ्रष्ट बताते हुए दीवारों पर कालिख पोती। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।


घटना की पृष्ठभूमि

इस घटना की शुरुआत इंद्रजीत बलीराम मुळे नामक श्रमिक से हुई, जिन्होंने यस बैंक से अर्थ-मूविंग मशीन खरीदने के लिए ऋण लिया था। मुळे का कहना है कि वे किश्तें चुकाने में असमर्थ रहे और बैंक से मदद की कई बार गुहार लगाई, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। जब उन्होंने मशीन को आरटीओ में ड्राइविंग टेस्ट के लिए ले जाने का प्रयास किया, तो बैंक ने मशीन को जब्त कर उसे बिना सूचना बेचा।


हिंसक विरोध प्रदर्शन

एमएनएस का उग्र प्रदर्शन


बैंक की कार्रवाई से नाराज मुळे ने एमएनएस से संपर्क किया, जिसके बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बैंक के बाहर प्रदर्शन शुरू किया। यह प्रदर्शन जल्द ही उग्र हो गया, जिसमें कार्यकर्ताओं ने बैंक के नामपट्ट पर कालिख पोती और दीवारों पर "भ्रष्ट बैंक" और "महाराष्ट्र विरोधी" जैसे नारे लिखे।


पुलिस का हस्तक्षेप

कर्मचारी पर हमला और पुलिस की कार्रवाई


हंगामे के दौरान एक एमएनएस कार्यकर्ता ने बैंक के एक अधिकारी को थप्पड़ मारा और अन्य कर्मचारियों को धमकाया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। पुलिस ने कहा है कि सीसीटीवी फुटेज और बैंक कर्मचारियों के बयान के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


पिछली घटनाओं का संदर्भ

पिछली घटनाओं से जुड़ा मामला


यह घटना उस विवाद के कुछ दिन बाद हुई जब एमएनएस कार्यकर्ताओं ने नागपुर की एक निजी बैंक में मराठी भाषा के उपयोग को लेकर हंगामा किया था। उस समय भी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बैंक के खिलाफ प्रदर्शन किया था, जब बैंक अधिकारियों ने एफआईआर की हिंदी प्रति की मांग की थी। इस बार का विवाद भी आम आदमी को न्याय न मिलने के मुद्दे से जोड़ा जा रहा है, लेकिन प्रदर्शन की वैधता पर सवाल उठ रहे हैं।