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नीति आयोग की सिफारिश: विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए नई नीति की आवश्यकता

नीति आयोग ने हाल ही में एक अध्ययन में बताया कि भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश जा रहे हैं, जबकि विदेशी छात्रों का भारत में आना बहुत कम है। आयोग ने इस स्थिति पर चिंता जताते हुए सरकार को नई नीतियों की सिफारिश की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2022 में केवल 50,000 विदेशी छात्र भारत आए, जबकि 13 लाख भारतीय छात्रों ने विदेश में दाखिला लिया। आयोग ने एक अंतर-मंत्रालयी टास्क फोर्स गठित करने और एक एकीकृत डिग्री समतुल्यता प्रणाली बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
 

विदेशी छात्रों की कमी पर नीति आयोग की चिंता


विदेशी छात्रों की संख्या में कमी पर चिंता व्यक्त की गई है


बिजनेस डेस्क : भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेशों का रुख कर रहे हैं, जबकि विदेशी छात्रों का भारत में आना बहुत कम है। यह जानकारी हाल ही में किए गए एक अध्ययन में सामने आई है। नीति आयोग ने इस स्थिति पर चिंता जताते हुए भारत सरकार को अपनी नीतियों में बदलाव करने की सलाह दी है। आयोग ने विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए पांच मंत्रालयों की एक अंतर-मंत्रालयी टास्क फोर्स बनाने की सिफारिश की है। इसके साथ ही, भारत में एक एकीकृत अंतरराष्ट्रीय डिग्री समतुल्यता प्रणाली की आवश्यकता भी बताई गई है।


अध्ययन रिपोर्ट के प्रमुख तथ्य

विदेशी छात्रों की संख्या और भारतीय छात्रों के विदेश जाने के बीच बड़ा अंतर है। नीति आयोग ने 'भारत में उच्च शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण: संभावनाएं, क्षमता और नीतिगत सिफारिशें' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में भारत में 50,000 विदेशी छात्र आए, जबकि 2024 में 13 लाख भारतीय छात्रों ने विदेश में दाखिला लिया। इनमें से 30% छात्र नेपाल से थे। इसका मतलब है कि 28 भारतीय छात्रों के मुकाबले केवल एक विदेशी छात्र भारत आया।


भारत में केंद्रीय विश्वविद्यालयों की स्थिति

भारत में वर्तमान में 54 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं। वैश्विक मानक निर्धारण दृष्टिकोण के अनुसार, 2030 तक विदेशी छात्रों की संख्या 85,000 से बढ़कर 1.3 लाख होने की उम्मीद है। 2035 में यह संख्या 1.23 लाख से बढ़कर 2.44 लाख और 2047 तक 10 लाख तक पहुंचने की संभावना है। आयोग ने सुझाव दिया है कि इन विश्वविद्यालयों में 54 देशों के कार्यालय खोले जाने चाहिए ताकि आवश्यकताओं के अनुसार काम किया जा सके।


शेयर बाजार की स्थिति

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