नीरव मोदी का प्रत्यर्पण मामला: ब्रिटेन में सुनवाई में होंगे 'सनसनीखेज घटनाक्रम'
नीरव मोदी का बयान
भगोड़े भारतीय व्यवसायी नीरव मोदी ने ब्रिटेन की अदालत में कहा है कि अगले महीने उनके प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई में 'सनसनीखेज घटनाक्रम' देखने को मिलेंगे। यह बयान उन्होंने लंदन के रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस में 6,498 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी के मामले में दिया। यह टिप्पणी बैंक ऑफ इंडिया के 80 लाख डॉलर के बकाया कर्ज से संबंधित एक अलग कानूनी कार्यवाही के दौरान की गई।
लंदन की जेल में नीरव मोदी
54 वर्षीय नीरव मोदी मार्च 2019 से लंदन की जेल में बंद हैं। वह भारत में धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोपों के खिलाफ प्रत्यर्पण की लड़ाई लड़ रहे हैं। अदालत में उन्होंने एक घिसी-पिटी सफेद टी-शर्ट और गुलाबी ट्रैक पैंट पहने हुए अपने हस्तलिखित नोट पढ़े। मोदी ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया उनके लिए अनुचित है क्योंकि उनकी दृष्टि कमजोर है और जेल में उन्हें कंप्यूटर की सुविधा नहीं मिल रही है।
प्रत्यर्पण अपील का नया मोड़
ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ने पुष्टि की है कि नीरव मोदी ने अपनी प्रत्यर्पण अपील को फिर से खोलने के लिए औपचारिक आवेदन दायर किया है। भारत सरकार ने इस पर पहले ही अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया है, और मामले की सुनवाई नवंबर के अंत में होने वाली है। यह घटनाक्रम ब्रिटेन के गृह मंत्रालय द्वारा उनके प्रत्यर्पण को मंजूरी दिए जाने के बाद सामने आया है।
नीरव मोदी की उम्मीदें
नीरव मोदी ने आशा व्यक्त की है कि अदालत नए सबूतों को स्वीकार करेगी, जिससे उन्हें या तो बरी किया जाएगा या जमानत मिल जाएगी। हालांकि, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश साइमन टिंकलर ने तकनीकी या चिकित्सीय आधार पर मुकदमे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। उन्होंने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे एक सप्ताह के भीतर कंप्यूटर तक पहुंच सहित सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करें।
पीएनबी घोटाले का विवरण
नीरव मोदी जनवरी 2018 में भारत से भाग गए थे, जब यह बड़ा बैंकिंग घोटाला सामने आया। उन पर और उनके मामा मेहुल चोकसी पर आरोप है कि उन्होंने बिना उचित मंजूरी के फर्जी 'लेटर्स ऑफ़ अंडरटेकिंग' प्राप्त करके पीएनबी को धोखा दिया। इस घोटाले के कारण पीएनबी को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय बैंकों को भुगतान करना पड़ा, जबकि मोदी की कंपनियां ऋण चुकाने में विफल रहीं।
भगोड़ा आर्थिक अपराधी
मुंबई की एक अदालत ने 2020 में नीरव मोदी को 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' घोषित किया और उनकी संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया। ब्रिटेन में उनकी जमानत की कई कोशिशें पहले ही खारिज की जा चुकी हैं, क्योंकि उन्हें विदेश भागने का खतरा है।