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नेतन्याहू का विवादास्पद बयान: क्या फिलिस्तीन के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है?

इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के हालिया बयान ने फिलिस्तीन के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ा दी है। उन्होंने वेस्ट बैंक में एक नई बस्ती परियोजना के उद्घाटन के दौरान कहा कि 'यह भूमि हमारी है', जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है। इस बीच, इजरायली सेना ने कतर की राजधानी दोहा पर हमला किया, जिसमें कई हमास नेता मारे गए। इस हमले ने अरब देशों में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। जानें इस जटिल स्थिति के पीछे की कहानी और अमेरिका की भूमिका।
 

इजरायल के नए बयान से बढ़ा तनाव

अंतरराष्ट्रीय समाचार: वेस्ट बैंक में एक नई बस्ती परियोजना के उद्घाटन समारोह में इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा, "यह भूमि हमारी है।" उनके इस बयान ने फिलिस्तीन के संभावित राज्य बनने की उम्मीदों को समाप्त कर दिया है। इस घोषणा ने क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है। अरब देशों में पहले से ही इजरायल की गतिविधियों को लेकर नाराजगी थी, और नेतन्याहू का यह नया बयान स्थिति को और भी गंभीर बना सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे इजरायल और अरब देशों के बीच संबंध और बिगड़ सकते हैं, जिससे कूटनीतिक संकट गहरा हो सकता है।


कतर की राजधानी पर इजरायली हमला

कतर की राजधानी पर हमला

इस सप्ताह इजरायली सेना ने कतर की राजधानी दोहा पर हवाई हमला किया, जिसका लक्ष्य हमास के नेताओं का एक ठिकाना था। इस हमले में पांच हमास सदस्य और एक क़तरी सुरक्षा अधिकारी की जान गई। इस घटना ने पूरे अरब जगत में हलचल मचा दी है।


हमास नेताओं की हत्या से बढ़ा गुस्सा

हमास नेताओं की मौत

इस हमले में मारे गए लोगों में प्रमुख हमास वार्ताकार खलील अल-हय्या का बेटा हमाम अल-हय्या भी शामिल था। अन्य मृतकों में जिहाद लबाद, अहमद ममलूक, अब्दुल्ला अब्देलवाहद और मुमेन हसौं शामिल हैं। इन नेताओं की हत्या ने हमास के गुस्से को और भड़काया है। हमास ने इस हमले को शांति वार्ता की हत्या करार दिया और अमेरिका पर मिलीभगत का आरोप लगाया, यह कहते हुए कि अमेरिका ने इजरायल को खुली छूट दी। यह बयान पहले से ही तनावपूर्ण माहौल में आग में घी डालने का काम कर रहा है।


कतर की रणनीतिक स्थिति

कतर की अहमियत अमेरिका के लिए

कतर में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा स्थित है, जिससे वहां पर हमला होना अरब नेताओं के लिए चौंकाने वाला था। कतर को अमेरिका का करीबी सहयोगी माना जाता है, और इस घटना ने वॉशिंगटन के लिए भी असहज स्थिति उत्पन्न कर दी है। व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस हमले की पूर्व जानकारी नहीं थी और उन्हें इसकी मंजूरी देने का कोई सवाल नहीं था। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने दूत को आदेश दिया कि तुरंत कतर को सूचित किया जाए। लेकिन तब तक अरब देशों का गुस्सा भड़क चुका था।