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नेपाल में अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए कुलमन घीसिंग का नाम प्रमुख दावेदार के रूप में उभरा

नेपाल में कुलमन घीसिंग का नाम अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए प्रमुख दावेदार के रूप में उभरा है। जेन-जेड आंदोलन के विरोध प्रदर्शन के बीच, घीसिंग की लोकप्रियता और उनके कार्यकाल की उपलब्धियों ने उन्हें इस स्थिति के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बना दिया है। जानें उनके करियर, बिजली कटौती समाप्त करने की उपलब्धियों और राजनीतिक विवादों के बारे में।
 

नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल

नेपाल के पूर्व बिजली प्राधिकरण प्रमुख कुलमन घीसिंग अब अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए एक प्रमुख उम्मीदवार के रूप में उभरे हैं। जेन-जेड आंदोलन द्वारा विरोध प्रदर्शन के बीच, गुरुवार को उनके नाम की आधिकारिक घोषणा की जा सकती है। यह घटनाक्रम केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के दो दिन बाद सामने आया है। सेना ने गुरुवार सुबह 6 बजे तक कड़े प्रतिबंध और कर्फ्यू लागू कर दिए हैं। खबरों के अनुसार, पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की, काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह और घीसिंग इस पद के लिए सबसे आगे चल रहे हैं।


घीसिंग का करियर और उपलब्धियाँ

कुलमन घीसिंग को नेपाल में 18 घंटे की दैनिक बिजली कटौती समाप्त करने के लिए जाना जाता है, जिससे वे लोगों के बीच लोकप्रिय हो गए। उन्होंने जमशेदपुर के क्षेत्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और त्रिभुवन विश्वविद्यालय से पावर सिस्टम इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की।


घीसिंग का कार्यकाल और निष्कासन

घीसिंग ने 1994 में नेपाल विद्युत प्राधिकरण (NEA) में शामिल होकर कई उच्च पदों पर कार्य किया। 2016 में उन्हें प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया, जहाँ उन्होंने बिजली कटौती की समस्या का समाधान किया। हालांकि, 2020 में उन्हें पद से हटा दिया गया, लेकिन 2021 में वे फिर से इस पद पर लौट आए। 24 मार्च, 2025 को ओली सरकार ने उन्हें NEA के कार्यकारी निदेशक पद से हटा दिया, जिसके बाद उनकी नियुक्ति की आलोचना की गई। विपक्षी दलों और नागरिक समाज ने उनके निष्कासन को राजनीतिक कारणों से प्रेरित बताया।