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नेपाल में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन: सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़

नेपाल की राजधानी काठमांडू में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं, जहां युवा पीढ़ी सोशल मीडिया पर बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठा रही है। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में घुसने की कोशिश की है, जिसके चलते सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। यह आंदोलन केवल सोशल मीडिया प्रतिबंध का नहीं, बल्कि वर्षों से चल रहे भ्रष्टाचार और बेरोजगारी का भी मुद्दा है। जानें इस आंदोलन के पीछे की वजहें और प्रदर्शनकारियों के सवाल।
 

काठमांडू में प्रदर्शन की स्थिति

नेपाल की राजधानी काठमांडू में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। रिपोर्टों के अनुसार, ये प्रदर्शन सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में भी प्रवेश किया है, जिसके चलते सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया गया है।


प्रदर्शन का कारण

काठमांडू के विभिन्न क्षेत्रों में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। कुछ प्रदर्शनकारी संसद भवन में घुसने में सफल रहे हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। यह प्रदर्शन सोशल मीडिया पर बैन और सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ किया जा रहा है।


नई पीढ़ी का आंदोलन

नेपाल की युवा पीढ़ी ने 8 सितंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई थी। यह आंदोलन भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर सरकारी नियंत्रण के खिलाफ है। कहा जा रहा है कि यह केवल सोशल मीडिया बैन का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह वर्षों से चल रहे भ्रष्टाचार और बेरोजगारी से भी जुड़ा हुआ है।


प्रदर्शनकारियों के सवाल

प्रदर्शनकारी सरकार से सवाल कर रहे हैं कि उनकी मेहनत की कमाई क्यों रिश्वत में चली जाती है? नौकरियों की कमी क्यों है, और क्यों नेपाली नागरिक विदेशों में काम करने के लिए मजबूर हैं? वे यह भी पूछ रहे हैं कि नेताओं के बच्चे महंगी गाड़ियों में क्यों घूमते हैं जबकि अधिकांश युवा अपनी जान जोखिम में डालकर 25-30 हजार रुपये के लिए काम करते हैं?


सोशल मीडिया पर प्रतिबंध का कारण

नेपाल सरकार ने सभी सोशल मीडिया कंपनियों को निर्देश दिया था कि वे सात दिनों के भीतर अपना पंजीकरण कराएं। जो कंपनियां ऐसा नहीं कर पाईं, उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद लिया गया, जिसमें सरकार को सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को पंजीकृत कराने और उनके पोस्ट की निगरानी करने का आदेश दिया गया था।