×

नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल: नए प्रधानमंत्री के लिए चार संभावित दावेदार

नेपाल इस समय राजनीतिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है, जहां पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद चार नए नाम प्रधानमंत्री पद के लिए संभावित दावेदार के रूप में उभरे हैं। बालेन शाह, सुशीला कार्की, कुलमन घीसिंग और हरका संपांग जैसे युवा नेता अब जनता की उम्मीदों का प्रतीक बन गए हैं। हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शनों ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। जानें इन दावेदारों के बारे में और उनकी संभावनाओं के बारे में।
 

नेपाल में राजनीतिक संकट

Nepal PM Candidates: नेपाल इस समय राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद, युवा वर्ग, विशेषकर जेन-ज़ेड आंदोलनकारी, एक नई दिशा की मांग कर रहे हैं। इस संकट के बीच चार नए नाम सामने आए हैं, जो भविष्य के प्रधानमंत्री पद के लिए संभावित दावेदार माने जा रहे हैं। हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शनों में 30 से अधिक लोगों की जान चली गई है और 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। संसद, सुप्रीम कोर्ट और मंत्रियों के आवासों पर हमलों के कारण देश में आपात स्थिति जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।


चार प्रमुख दावेदार कौन हैं?

नेपाल के भ्रष्टाचार-विरोधी जनआंदोलन के बीच चार नाम सबसे अधिक चर्चा में हैं:


1. बालेन शाह: रैपर से काठमांडू के मेयर तक


काठमांडू के वर्तमान मेयर और पूर्व रैपर बालेन शाह आज की युवा पीढ़ी के नायक बनकर उभरे हैं। उन्होंने 2022 में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मेयर का चुनाव जीता और भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों के लिए जाने जाते हैं। बालेन नई पीढ़ी की आवाज हैं और उनके पास सिविल और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की डिग्री है। वे पहले नेपाल के हिप-हॉप सीन में एक चर्चित नाम रह चुके हैं। युवा उन्हें व्यवस्था परिवर्तन की उम्मीद के रूप में देख रहे हैं।


2. सुशीला कार्की: न्यायपालिका की पहली महिला शीर्षस्थ


नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम प्रदर्शनकारियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन से परामर्श के बाद सामने आया। वे अपने कार्यकाल के दौरान ऐतिहासिक फैसलों के लिए जानी जाती हैं, जैसे कि महिलाओं को नागरिकता के अधिकार दिलाने वाला फैसला। हालांकि, उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव भी लाया गया था, जिसे बाद में वापस ले लिया गया।


3. कुलमन घीसिंग


नेपाल विद्युत प्राधिकरण के पूर्व प्रमुख कुलमन घीसिंग को नेपाल में बिजली कटौती खत्म करने का श्रेय दिया जाता है। वे एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं और भारत के आरईसी जमशेदपुर से पढ़ाई की है। 2016 में उन्होंने नेपाल में 18 घंटे की बिजली कटौती को समाप्त कर इतिहास रचा। हालाँकि, मार्च 2025 में ओली सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया, जिससे आम जनता और विपक्ष ने नाराज़गी जताई थी।


4. हरका संपांग: आम आदमी से मेयर तक


धरान के मेयर हरका राज संपांग, जिन्हें लोग हरका संपांग के नाम से जानते हैं, जनता के बीच से निकले चेहरा हैं। उन्होंने अफगानिस्तान में मजदूरी की और फिर अपने शहर लौटकर स्थानीय समस्याओं के समाधान में जुट गए। 2022 में वे एक स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर मेयर चुने गए। वह अक्सर वीआईपी सुविधाओं को ठुकरा देते हैं और जनता के लिए सादगीपूर्ण जीवन जीते हैं, जिससे उन्हें सोशल मीडिया पर भारी समर्थन मिला है।


वर्तमान में राष्ट्रपति और सेना प्रमुख की बातचीत

वर्तमान में राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अलग-अलग दावेदारों के समर्थकों के बीच हाथापाई की घटनाएं भी सामने आई हैं। देश में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, लेकिन लोग अब नई और ईमानदार नेतृत्व की उम्मीद कर रहे हैं।