नोएडा के 81 गांवों के किसानों की समस्याओं का समाधान लटका
किसानों की समस्याओं का समाधान टला
नोएडा समाचार : नोएडा के 81 गांवों के किसानों की समस्याओं का समाधान एक बार फिर से टल गया है। 13 वर्षों से सर्वे का इंतजार कर रहे किसानों को अब और समय बिताना होगा। नवंबर 2024 में शुरू होने वाले आबादी निस्तारण सर्वे को शासन स्तर पर रोक दिया गया है। किसानों की मांगों पर बनी उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों पर अभी विचार चल रहा है, जिसके कारण सर्वे अस्थायी रूप से रुका हुआ है। उम्मीद है कि यह सर्वे जल्द ही फिर से शुरू होगा।
15 गांवों में सर्वे का कार्य पूरा
नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र के 15 गांवों में सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि बाकी 65 गांवों में सर्वे अभी बाकी है। अगले आदेश तक इसे रोक दिया गया है। प्राधिकरण ने जून 2011 के मानकों के आधार पर 81 गांवों में आबादी को चिन्हित करके सर्वे शुरू किया था। इसके बाद कई स्थानों पर अतिक्रमण की समस्याएं सामने आईं। किसानों ने आरोप लगाया कि प्राधिकरण द्वारा अतिक्रमण बताई गई भूमि उनकी दादी-नानी की है, जिसका वे रोजाना उपयोग करते हैं।
हाई पावर कमेटी का गठन
गौतमबुद्ध नगर में किसानों के लगातार धरनों के कारण नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के किसानों की मांग पर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। अगस्त 2024 में इस समिति ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी थी, जिसके बाद यह सर्वे शुरू किया गया। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी सामने आया था कि 5% भूखंडों पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हो रहा है।
सर्वे पूरा करने वाले गांव
नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र के शाहपुर गोवर्धन बांगर, झट्टा, गुलावली, नागला चरण दास, कामबख्शपुर, दोस्तपुर, मंगरौली सहित 15 गांवों में सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है। किसानों की मांग है कि आबादी निस्तारण के सर्वे को पुरानी मानकों के बजाय उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के अनुसार किया जाए। इसके अलावा, प्राधिकरण की रिपोर्ट में दर्ज अतिक्रमण को हटाया जाए, ताकि किसानों को मुआवजा मिलने में कोई रुकावट न आए।
अविवाहित बेटियों को भी मिलेगा लाभ
नोएडा प्राधिकरण की वर्तमान नीति के अनुसार, हर परिवार के हर पुत्र को 450 वर्ग मीटर भूमि दी जाती है। 2021 में इस नियम में संशोधन करते हुए अविवाहित बेटियों के लिए भी यही भूमि सीमा लागू की गई है। इसका लाभ अब अविवाहित बेटियों को भी मिलेगा।