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नोएडा में साइबर ठगी का नया मामला: रिटायर्ड वायु सेना कर्मचारी से 3.21 करोड़ की धोखाधड़ी

नोएडा में साइबर ठगों ने एक रिटायर्ड वायु सेना कर्मचारी और उनके परिवार को निशाना बनाते हुए 3.21 करोड़ रुपये की ठगी की। ठगों ने परिवार को डिजिटल अरेस्ट में रखकर डराया और एक फर्जी धनशोधन मामले में फंसाने का प्रयास किया। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है। जानें इस सनसनीखेज घटना की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
 

नोएडा में साइबर अपराध की बढ़ती घटनाएं

उत्तर प्रदेश के नोएडा में साइबर अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। आए दिन डिजिटल ठगी और धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में एक चौंकाने वाला मामला नोएडा के सेक्टर-25 से सामने आया है, जहां साइबर ठगों ने एक रिटायर्ड वायु सेना कर्मचारी और उनके परिवार को अपना निशाना बनाया। इन ठगों ने परिवार को डिजिटल अरेस्ट में रखकर 3.21 करोड़ रुपये की ठगी की। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।


धनशोधन के फर्जी मामले में फंसाने का डर

पुलिस के अनुसार, ठगों ने पीड़ित परिवार को धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के एक झूठे मामले में फंसाने का डर दिखाया। जालसाजों ने खुद को मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर परिवार को डराया और ठगी को अंजाम दिया। नोएडा की साइबर क्राइम डीसीपी प्रीति यादव ने बताया कि सेक्टर-25, जलवायु विहार में रहने वाली मलोबिका मित्रा ने मंगलवार को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में इस ठगी की शिकायत दर्ज कराई।


36 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रहे पीड़ित

मलोबिका मित्रा ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके पिता सुबीर मित्रा, जो वायु सेना से रिटायर्ड हैं, को 18 जुलाई को एक अज्ञात नंबर से कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) का कर्मचारी बताया। इसके बाद ठगों ने सुबीर मित्रा, उनकी पत्नी केया मित्रा और बेटी मलोबिका को 36 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। इस दौरान ठगों ने डर और धमकी के जरिए परिवार से 3.21 करोड़ रुपये ठग लिए। पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है और ठगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।