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पंजाब कांग्रेस में असंतोष: परगट सिंह और किक्की ढिल्लों का इस्तीफा

पंजाब कांग्रेस में असंतोष की नई लहर उभरी है, जब जालंधर कैंट से विधायक परगट सिंह और पूर्व विधायक किक्की ढिल्लों ने पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। यह घटनाक्रम हाल ही में लुधियाना वेस्ट विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की हार के बाद सामने आया है। दोनों नेताओं ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद छोड़े हैं। इस स्थिति को देखते हुए पार्टी आलाकमान को जल्द ही स्थिति को संभालने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है।
 

पंजाब कांग्रेस में असंतोष का नया अध्याय

जालंधर: पंजाब कांग्रेस में असंतोष की लहर एक बार फिर से उभरी है। जालंधर कैंट से विधायक और पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान परगट सिंह ने मंगलवार रात पार्टी के राज्य उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उनके साथ, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक कुशलदीप सिंह ढिल्लों, जिन्हें किक्की ढिल्लों के नाम से जाना जाता है, ने भी अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है।


सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं ने अपने इस्तीफे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और पंजाब मामलों के प्रभारी महासचिव भूपेश बघेल को भेजे हैं। जानकारी के अनुसार, ढिल्लों इस समय ऑस्ट्रेलिया में हैं, जबकि परगट सिंह जालंधर में मौजूद हैं।


यह घटनाक्रम लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट पर हाल ही में हुए उपचुनाव में कांग्रेस की हार के बाद सामने आया है। कांग्रेस के उम्मीदवार भारत भूषण आशु ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद, आशु ने कांग्रेस के पंजाब अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और सिमरजीत सिंह बैंस के प्रति नाराजगी भी व्यक्त की थी।


परगट सिंह और किक्की ढिल्लों ने भी आशु के समर्थन में अपने-अपने पद छोड़ दिए, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि पंजाब कांग्रेस आंतरिक कलह का सामना कर रही है। 2022 विधानसभा चुनाव के बाद यह पहला अवसर है जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इस तरह से खुलकर विरोध में आए हैं।


विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पार्टी आलाकमान ने समय रहते हालात को नियंत्रित नहीं किया, तो 2027 के चुनावों में कांग्रेस के लिए आंतरिक गुटबाजी एक बड़ी चुनौती बन सकती है। उल्लेखनीय है कि 2022 के चुनाव में भी आंतरिक फूट के कारण कांग्रेस को केवल 18 सीटों पर संतोष करना पड़ा था।


पार्टी के भीतर चल रहे इस घमासान को देखते हुए, कांग्रेस हाईकमान जल्द ही पंजाब में किसी वरिष्ठ नेता को भेजकर स्थिति को संभालने की कोशिश कर सकता है।