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पंजाब की नई औद्योगिक नीति 2025: उद्योगपतियों को मिलेगा निर्णय लेने का अधिकार

पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीति की घोषणा की है। इस नीति के तहत, उद्योगपतियों को निर्णय लेने का अधिकार दिया जाएगा और व्यापार शुरू करने के लिए 45 दिनों में डीम्ड अप्रूवल मिलेगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि 24 सेक्टरल कमेटियों का गठन किया गया है, जो उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार नीतियां बनाएंगी। जानें इस नई पहल के बारे में और कैसे यह पंजाब को निवेशकों का पसंदीदा राज्य बना रहा है।
 

पंजाब में औद्योगिक क्षेत्र को नई दिशा

पंजाब औद्योगिक नीति 2025: पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने उद्योग क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई पहल की है। मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चंडीगढ़ में सेक्टोरल कमेटियों की स्थापना की। इस पहल के तहत, उद्योग से जुड़े व्यापारी और उद्यमी अब नीति निर्माण में सक्रिय रूप से भाग लेंगे, और सरकार उन नीतियों को लागू करेगी। केजरीवाल ने इसे 'जनता की सत्ता, जनता के हाथ' देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।


45 दिनों में व्यापार के लिए डीम्ड अप्रूवल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब पंजाब में व्यापार शुरू करने के लिए केवल 45 दिनों में डीम्ड अप्रूवल प्राप्त होगा। इसके अलावा, 125 करोड़ रुपए तक के MSME प्रोजेक्ट्स के लिए किसी सरकारी मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने इसे विश्व में अनूठा कदम बताते हुए कहा कि ऐसा केवल एक ईमानदार सरकार ही कर सकती है।


भ्रष्ट व्यवस्था में बदलाव
केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी को 2022 में जो व्यवस्था विरासत में मिली थी, वह भ्रष्ट और उद्योग विरोधी थी। उद्योगपतियों को डराया जाता था और वसूली की जाती थी। लेकिन पिछले तीन वर्षों में, आप सरकार ने सिस्टम को उद्योग के अनुकूल बनाया है और अब इसे क्रांतिकारी स्तर पर ले जाया गया है, जिसमें जनता को निर्णय लेने का अधिकार मिलेगा और सरकार केवल सहायक की भूमिका निभाएगी।


जनता के हाथ में सत्ता
अब तक सरकारें निर्णय लेती थीं और जनता उनके पीछे चलती थी। लेकिन अरविंद केजरीवाल का कहना है कि अब सरकार अपने अधिकार जनता को सौंप रही है। 24 विभिन्न सेक्टरों की कमेटियों का गठन किया गया है, जिनमें MSME और बड़े उद्योगों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इन कमेटियों का कार्य अपने-अपने सेक्टर के लिए नीतियों का निर्माण और उन्हें लागू करना होगा।


स्थायी विकास पर जोर
केजरीवाल ने उद्योग जगत से अपील की कि वे सब्सिडी पर निर्भर न रहें, बल्कि ऐसी नीतियां बनाएं जो नवाचार और स्थिरता पर आधारित हों। उनका कहना था कि जब सब्सिडी समाप्त होगी, तो मुनाफा भी चला जाएगा, इसलिए स्थायी मॉडल आवश्यक है। उन्होंने उद्योग को दुनिया की बेहतरीन नीतियों का अध्ययन कर पंजाब में लागू करने की सलाह दी।


कमेटियों का ढांचा
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि 24 सेक्टरल कमेटियां बनाई गई हैं जो उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार रणनीति तैयार करेंगी। इन कमेटियों में एक अध्यक्ष, सदस्य सचिव और संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। यह नीति निर्माण की प्रक्रिया को समावेशी और पारदर्शी बनाएगी।


पंजाब का निवेशकों के लिए आकर्षण
भगवंत मान ने कहा कि मार्च 2022 से अब तक पंजाब को 1.14 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे 4.5 लाख नौकरियाँ सृजित हुई हैं। जापान, अमेरिका, जर्मनी, यूके, दुबई जैसे देशों ने पंजाब में निवेश में रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार-मुक्त शासन और अनुकूल नीतियों के कारण ही यह संभव हुआ है।


भ्रष्टाचार और नशे के खिलाफ सख्त कदम
मुख्यमंत्री ने नशे और भ्रष्टाचार को पंजाब की सबसे बड़ी समस्याएं बताया और कहा कि राज्य सरकार इनसे पूरी ताकत से लड़ रही है। नशा विरोधी अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। उनका लक्ष्य है कि पंजाब को फिर से 'रंगला पंजाब' बनाया जाए, जहां विकास, रोजगार और समृद्धि हो।