×

पंजाब के मुख्यमंत्री ने आध्यात्मिक धरोहर के विकास कार्यों का शुभारंभ किया

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पटियाला के श्री काली माता मंदिर में 75 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने मंदिर की आध्यात्मिकता को बढ़ाने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की, जिसमें लंगर सेवा और सरोवर का नवीनीकरण शामिल है। मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नए रास्ते और प्रबंधन प्रणाली की भी बात की। जानें इस महत्वपूर्ण उद्घाटन के बारे में और क्या-क्या योजनाएं बनाई गई हैं।
 

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का उद्घाटन समारोह


श्री काली माता मंदिर, पटियाला में विकास कार्यों का शुभारंभ


पटियाला : पंजाब की आध्यात्मिक धरोहर और संस्कृति की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है, और राज्य सरकार इस दिशा में पूरी तरह से समर्पित है। यह बात मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने श्री काली माता मंदिर में 75 करोड़ रुपये के विकास कार्यों के उद्घाटन के दौरान कही। इस अवसर पर आम आदमी पार्टी के प्रमुख और पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री ने बताया कि मंदिर की आध्यात्मिकता और सौंदर्य को बढ़ाने के लिए प्रमुख तीर्थ स्थलों की तरह सरोवर के पास एक लाइट एंड साउंड शो आयोजित किया जाएगा। इस परियोजना पर 6.78 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसके लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि नई इमारत में 15.11 लाख रुपये की लागत से एक लिफ्ट स्थापित की जा रही है।


सरोवर के लिए नया रास्ता और लंगर सेवा

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सरोवर के पास नया रास्ता बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंदिर की नई इमारत, गलियारा, चारदीवारी, प्रवेश द्वार और सरोवर से संबंधित परियोजनाएं सामूहिक रूप से शुरू की गई हैं। विशेष रूप से दूर-दराज के या आर्थिक रूप से कमजोर श्रद्धालुओं के लिए रोजाना लंगर सेवा शुरू की जाएगी।


भगवंत सिंह मान ने कहा कि मंदिर के सरोवर का पूरी तरह से नवीनीकरण किया जाएगा, जिसमें गाद निकालना, वाटरप्रूफिंग, किनारों के साथ पत्थर का काम और रास्ते की तैयारी शामिल है।


मंदिर की वास्तुकला का नवीनीकरण

उन्होंने कहा कि यह परियोजना मंदिर की पवित्रता और विरासती वास्तुकला को बनाए रखते हुए इसकी शोभा बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री ने पुराने गेट को फिर से खोलने और उसके नवीनीकरण का प्रस्ताव रखा। सभी प्रवेश द्वारों को पारंपरिक वास्तु कला के अनुसार पुनः डिज़ाइन किया जाएगा।


सप्ताह के अंत और नवरात्रि के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की आमद को देखते हुए, उनकी सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए बैरिकेड वाली लेन और साइन बोर्डों के साथ एक योजनाबद्ध कतार प्रबंधन प्रणाली लागू की जाएगी।


भविष्य की योजनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी योजना और विरासत विशेषज्ञों से परामर्श करके एक व्यापक मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसमें निर्माण, विरासती संरक्षण, तीर्थ यात्रा संबंधी सुविधाएं, स्वच्छता, पार्किंग और ट्रैफिक प्रबंधन शामिल हैं।