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पंजाब के मुख्यमंत्री ने शिरोमणि कमेटी पर कड़ी टिप्पणी की

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शिरोमणि कमेटी और अकाली दल पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि ये संगठन धार्मिक संस्थाओं का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 328 लापता स्वरूपों के मामले में कार्रवाई न होने पर नाराजगी जताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले में एफ.आई.आर. दर्ज की है और विशेष जांच टीम का गठन किया है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और मुख्यमंत्री के अन्य आरोप।
 

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की प्रेस कॉन्फ्रेंस


चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शिरोमणि कमेटी और अकाली दल को श्री अकाल तख्त साहिब और पंथ का गलत इस्तेमाल करने के लिए आलोचना की है। उन्होंने कहा कि ये संगठन अपने कुकर्मों से बचने के लिए धार्मिक संस्थाओं का सहारा ले रहे हैं। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 328 लापता स्वरूपों के मामले में कोई कार्रवाई न होने से संगत में गहरी नाराजगी है। शिरोमणि कमेटी अपने प्रभावशाली आकाओं को बचाने के लिए प्रयासरत है।


मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिछले कुछ वर्षों से सिख समुदाय इस मामले में गहरे सदमे में है। उन्होंने बताया कि पंथक संगठनों और संत समाज ने इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग की है और राज्य सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाई है। राज्य सरकार ने इस मामले में एफ.आई.आर. दर्ज की है और विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है।


भगवंत सिंह मान ने कहा कि एफ.आई.आर. दर्ज होते ही शिरोमणि कमेटी ने प्रेस के माध्यम से राज्य सरकार पर आरोप लगाना शुरू कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कमेटी के मुखिया ने स्वीकार किया है कि वहां रोज़ाना 10-12 घोटाले होते हैं, जो दर्शाता है कि श्रद्धालुओं के चढ़ावे का दुरुपयोग हो रहा है।


मुख्यमंत्री ने हैरानी जताई कि इतनी अनियमितताओं के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी ने पूर्व मुख्य सचिव डॉ. रूप सिंह के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन कार्रवाई अब तक लंबित है।


उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी अपने आकाओं के इशारे पर यह दावा करती है कि राज्य सरकार पंथ के मामलों में हस्तक्षेप कर रही है, जो गलत है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि शिरोमणि कमेटी ने बाद में अपने सभी प्रस्ताव वापस ले लिए हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि शिरोमणि कमेटी हर तरह की ताकत चाहती है, लेकिन जनता के प्रति जवाबदेह नहीं बनना चाहती। उन्होंने कहा कि वे एसआईटी से डरते हैं, क्योंकि निष्पक्ष जांच उनके काले कारनामों को उजागर कर सकती है।


भगवंत सिंह मान ने यह भी कहा कि राज्य सरकार सुनिश्चित करेगी कि इस घिनौने अपराध के दोषियों को सजा मिले। उन्होंने बताया कि पिछले 14 वर्षों से इस संस्था के चुनाव नहीं हुए हैं और नेताओं ने केंद्र सरकार से इसकी मांग नहीं की है।


मुख्यमंत्री ने भाजपा पर भी निशाना साधा, जिन्होंने महान सिख गुरुओं के कार्टून पोस्ट किए, लेकिन शिरोमणि कमेटी ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि अकाली नेता केवल सत्ता की लालसा में हैं।


उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अकालियों ने पंजाब यूनिवर्सिटी को केंद्रीय यूनिवर्सिटी का दर्जा देने और अन्य राज्य-विरोधी फैसलों पर केवल अपने परिवार के लाभ के लिए सहमति दी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाली दल की स्थापना के समय इसे शेरों की पार्टी कहा जाता था, लेकिन अब यह डायनासोरों की पार्टी बन गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान नेतृत्व राज्य के मुद्दों को उठाने से कतराता है।