पंजाब में खनन क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिए नई नीति
मुख्यमंत्री भगवंत मान की नई पहल
पंजाब समाचार: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खनन क्षेत्र में ईमानदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति की घोषणा की है। मंत्रिमंडल ने 'पंजाब माइनर मिनरल रूल्स, 2013' में संशोधन को स्वीकृति दी है, जिसके तहत बाहरी राज्यों से आने वाले खनिज-वाहक ट्रकों पर एंट्री फीस लागू की जाएगी।
अवैध खनन पर नियंत्रण
इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य अवैध खनन पर अंकुश लगाना, स्थानीय खनन उद्योग को सुरक्षा प्रदान करना और राज्य के राजस्व को बढ़ाना है। पिछले कई वर्षों से, हिमाचल, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर जैसे पड़ोसी राज्यों से सैकड़ों ट्रक बिना किसी वैध शुल्क के पंजाब में प्रवेश कर रहे थे, जिससे सरकार को भारी राजस्व हानि हो रही थी। अब एंट्री फीस के लागू होने से इस अवैध गतिविधि पर रोक लगने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “राज्य में अवैध खनन और चोरी का युग समाप्त होगा।” यह कदम स्थानीय खदान संचालकों और क्रशिंग यूनिट्स को राहत प्रदान करेगा, जो अब तक अनुचित प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे थे।
डिजिटल निगरानी से पारदर्शिता में वृद्धि
सरकार ने इस नीति के अंतर्गत सभी सीमावर्ती चेक-पोस्ट्स को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित करने की योजना बनाई है। हर वाहन की एंट्री का रिकॉर्ड अब ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) कैमरों और QR कोड आधारित पास सिस्टम के माध्यम से डिजिटल रूप से दर्ज किया जाएगा। एंट्री फीस का भुगतान करते ही वाहन चालक को डिजिटल रसीद मिलेगी, जिससे किसी भी प्रकार की धांधली की संभावना समाप्त हो जाएगी। इससे खनिज परिवहन प्रणाली अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनेगी।
स्थानीय उद्योगों को मिलेगा लाभ
यह निर्णय केवल प्रशासनिक सुधार नहीं है, बल्कि यह आर्थिक राहत भी प्रदान करेगा। स्थानीय खदान संचालक, ट्रांसपोर्टर और मजदूर, जो लंबे समय से बाहरी राज्यों से आने वाले सस्ते और अवैध खनिजों के कारण नुकसान झेल रहे थे, अब राहत की सांस ले सकेंगे। यह नीति राज्य के वैध कारोबारियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करेगी, जिससे स्थानीय खनन उद्योग में रोजगार और उत्पादन दोनों में वृद्धि होगी।
पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा
पंजाब सरकार ने स्पष्ट किया है कि एंट्री फीस से प्राप्त धनराशि केवल राजस्व में वृद्धि नहीं करेगी, बल्कि इसका उपयोग राज्य के विकास में भी किया जाएगा। इस राशि का उपयोग सड़क मरम्मत, पर्यावरणीय परियोजनाओं, जल संरक्षण और ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास में किया जाएगा। इससे राज्य के प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के साथ-साथ सतत विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा। अवैध खनन से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान पर यह नीति प्रभावी नियंत्रण स्थापित करेगी।
नई शासन प्रणाली का मॉडल
मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने एक बार फिर यह साबित किया है कि शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही उनका मुख्य सिद्धांत है। खनन क्षेत्र में यह सुधार प्रशासनिक दृष्टि से भी ऐतिहासिक है। यह नीति न केवल राजस्व सुधार का साधन बनेगी, बल्कि यह दिखाती है कि पंजाब अब तकनीक-आधारित सुशासन की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। भगवंत मान ने कहा, “हम एक ऐसा सिस्टम बना रहे हैं जिसमें जनता के हित सर्वोपरि हों और ईमानदार कारोबार को प्रोत्साहन मिले।”