पंजाब में तरनतारन उपचुनाव: सभी की नजरें मतदान पर
तरनतारन उपचुनाव का मतदान
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के साथ आज पंजाब के तरनतारन में उपचुनाव का मतदान शुरू हो रहा है। आम आदमी पार्टी के विधायक कश्मीर सिंह सोहल के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी, जिस पर 15 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में हैं। पंजाब में अब तक हुए 6 उपचुनावों में आम आदमी पार्टी ने 5 में जीत हासिल की है। तरनतारन उपचुनाव में आम आदमी पार्टी के हरमीत सिंधु की जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी के नेता और कार्यकर्ता दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। इस बहुकोणीय मुकाबले में आम आदमी पार्टी को लाभ की स्थिति में देखा जा रहा है। पार्टी इस उपचुनाव को गंभीरता से ले रही है, क्योंकि इसके परिणाम 2027 के विधानसभा चुनावों के रुझानों को प्रभावित कर सकते हैं।
कांग्रेस ने अपने जिला अध्यक्ष करणबीर सिंह बुर्ज को चुनावी मैदान में उतारा है। पंजाब कांग्रेस के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा जैसे वरिष्ठ नेता चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। हालांकि, राजा वडिंग के विवादास्पद बयान का असर बुर्ज पर पड़ सकता है।
अकाली दल ने सुखविंदर कौर रंधावा को उम्मीदवार बनाया है, जो एक सेवानिवृत्त सरकारी स्कूल की प्रधानाचार्य हैं और 'आपरेशन ब्लू स्टार' के बाद सेना से रिटायर हुए एक फौजी की पत्नी हैं।
भाजपा ने तरनतारन जिला इकाई के अध्यक्ष हरजीत संधु को मैदान में उतारा है। संधु पहले अकाली दल में थे और 2022 में भाजपा में शामिल हुए। पंजाब में अपने राजनीतिक आधार को मजबूत करने के लिए भाजपा इस उपचुनाव को महत्वपूर्ण मानती है, जिसके लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेता स्थानीय मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए प्रयासरत हैं। तरनतारन एक सिख बहुल और संवेदनशील क्षेत्र है, जहां किसान आंदोलन के बाद भाजपा का आधार कमजोर है।
आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, भाजपा और अकाली दल के अलावा निर्दलीय उम्मीदवार मनदीप सिंह भी इस उपचुनाव में प्रभाव डाल सकते हैं। उनका भाई शिव सेना टकसाली के नेता सूरी की हत्या के आरोप में जेल में है और उन्हें 'वारिस पंजाब दे' के सांसद अमृतपाल का समर्थन प्राप्त है।
कुल 15 उम्मीदवारों में मुख्य मुकाबला उपरोक्त पांचों के बीच रहेगा। जिले की संवेदनशीलता को देखते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी ने केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की है, जो अब तक की सबसे बड़ी तैनाती में से एक है। सभी मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे और वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है, जिनकी निगरानी चुनाव आयोग द्वारा की जाएगी। उन्होंने सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे 11 नवम्बर को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक अपने मताधिकार का प्रयोग करें। तरनतारन उपचुनाव राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका परिणाम पंजाब के प्रमुख राजनीतिक दलों के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।
-इरविन खन्ना, मुख्य संपादक।