पंजाब में पशुपालन और मत्स्य पालन में महत्वपूर्ण प्रगति
पंजाब में पशुपालन विभाग की उपलब्धियां
चंडीगढ़: पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन विभाग ने इस वर्ष आपदा प्रबंधन से लेकर दीर्घकालिक विकास तक कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुधन की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, विभाग ने त्वरित राहत, मुफ्त चिकित्सा सेवाएं और रोग नियंत्रण के लिए व्यापक कदम उठाए हैं. इसके साथ ही, पशु स्वास्थ्य सेवाओं का आधुनिकीकरण, नस्ल सुधार, डेयरी प्रशिक्षण और मत्स्य पालन उत्पादन को बढ़ाने पर भी ध्यान दिया गया है.
बाढ़ के दौरान राहत कार्य
पशुपालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि राज्य के 12 बाढ़ प्रभावित जिलों में पशुधन की सुरक्षा के लिए अभूतपूर्व प्रयास किए गए हैं. 713 गांवों में 492 त्वरित प्रतिक्रिया पशु चिकित्सा टीमें तैनात की गईं. 24 घंटे की इमरजेंसी सेवा स्थापित की गई और 3.19 लाख से अधिक पशुओं को मुफ्त चिकित्सा सहायता प्रदान की गई, जिससे बीमारी और मृत्यु दर को नियंत्रित किया जा सका.
रोकथाम और संसाधनों की उपलब्धता
बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए उपचार के साथ-साथ रोकथाम पर भी जोर दिया गया. गलघोटू रोग से बचाव के लिए 2.53 लाख से अधिक पशुओं को मुफ्त बूस्टर डोज दी गई. विभाग ने 20,000 क्विंटल से अधिक फीड, 16,000 क्विंटल साइलेज, चारा, भूसा, मिनरल मिक्सचर, डीवर्मर खुराकें और पोटैशियम परमैंगनेट उपलब्ध कराया. पशुपालकों के लिए 1,619 जागरूकता कैंप भी आयोजित किए गए.
आधुनिक पशु स्वास्थ्य सुविधाएं
विभाग ने पशु चिकित्सा ढांचे को मजबूत करने के लिए 22 आधुनिक पशु लिफ्टर खरीदे हैं. गुरदासपुर, पटियाला, लुधियाना, संगरूर, श्री मुक्तसर साहिब और अमृतसर के पॉलीक्लीनिकों को नए आई.पी.डी. से अपग्रेड किया गया है. पटियाला वेटरनरी पॉलीक्लीनिक में 54 लाख रुपये की डिजिटल रेडियोग्राफी प्रणाली शुरू की गई, जिससे एक्स-रे फिल्म के बिना सटीक निदान संभव हो सका है.
टीकाकरण और नस्ल सुधार
राज्य में पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए एक व्यापक टीकाकरण अभियान चलाया गया है. लंपी स्किन रोग के खिलाफ 24.27 लाख, मुंहखुर के लिए 126.22 लाख और गलघोटू के लिए 68.88 लाख खुराकें दी गईं. नस्ल सुधार के लिए जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच सेक्स सॉर्टेड सीमेन की 1.82 लाख खुराकों का उपयोग किया गया, जिससे उच्च गुणवत्ता वाली बछियों की संख्या में वृद्धि हुई है.
डेयरी और मत्स्य पालन में विकास
मत्स्य पालन क्षेत्र में 2024-25 के दौरान 187 लाभार्थियों को 5.82 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की गई. 43,683 एकड़ क्षेत्र से 2 लाख टन से अधिक मछली उत्पादन हुआ. डेयरी क्षेत्र में हर साल 8,500 किसानों को प्रशिक्षण देकर 3,500 नई यूनिट स्थापित की जा रही हैं. राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत 30,734 पशुओं का बीमा और 9 करोड़ रुपये की सहायता दी गई, जिससे किसानों की आय और सुरक्षा में वृद्धि हुई है.