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पंजाब में बाढ़: मोदी की टिप्पणी से बढ़ा आक्रोश, राहत राशि पर उठे सवाल

पंजाब इस समय 1988 के बाद की सबसे भयंकर बाढ़ का सामना कर रहा है, जिससे लाखों लोग बेघर हो गए हैं और फसलें बर्बाद हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया दौरे पर केवल 1600 करोड़ रुपये की सहायता राशि की घोषणा ने निराशा और गुस्से को जन्म दिया। उनकी 'हिंदी नहीं आती?' वाली टिप्पणी ने विवाद को और बढ़ा दिया है। विपक्षी दलों ने इसे मातृभाषा का अपमान बताया है। जानें इस संकट के बीच पंजाब सरकार की प्रतिक्रिया और राहत कार्यों की स्थिति।
 

पंजाब में बाढ़ की गंभीर स्थिति

पंजाब इस समय 1988 के बाद की सबसे भयंकर बाढ़ का सामना कर रहा है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से लाखों लोग बेघर हो गए हैं, किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं और उद्योग ठप हो गए हैं। इस संकट के समय राज्यवासियों को केंद्र सरकार से बड़ी उम्मीदें थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया दौरे पर सभी की नजरें थीं, लेकिन उनकी घोषणा ने निराशा और गुस्से को जन्म दिया। केवल 1600 करोड़ रुपये की सहायता राशि का ऐलान और एक विवादास्पद टिप्पणी ने स्थिति को और बिगाड़ दिया।


बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति

गुरदासपुर, कपूरथला और तरनतारन जैसे कई जिलों में बाढ़ ने तबाही मचाई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, आर्थिक नुकसान 20,000 करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है। हजारों एकड़ फसलें नष्ट हो गई हैं, सैकड़ों मकान ध्वस्त हो चुके हैं और सड़कें तथा पुल क्षतिग्रस्त हैं। राज्य सरकार राहत कार्यों में जुटी है, लेकिन केंद्र की देरी ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पीएम को पत्र लिखकर 60,000 करोड़ रुपये के फंड जारी करने की मांग की थी, लेकिन जो प्रतिक्रिया मिली, वह निराशाजनक थी।


भाषाई विवाद और पीएम की टिप्पणी

पीएम की टिप्पणी: 'हिंदी नहीं आती?' से भड़का विवाद


गुरदासपुर में आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां से बातचीत के दौरान जब उन्होंने राहत राशि की कमी पर चिंता जताई, तो पीएम मोदी ने हंसते हुए कहा, "हिंदी नहीं आती? 1600 करोड़ घोषित कर दिया।" मुंडियां ने तुरंत जवाब दिया, "हिंदी आती है, लेकिन पैसा कम है।" यह संवाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और पंजाबियों में आक्रोश फैल गया। विपक्षी दलों ने इसे मातृभाषा का अपमान करार दिया।


राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

आप सरकार का केंद्र पर हमला


आप पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने इसे 'क्रूर मजाक' बताया। उन्होंने कहा, "पंजाब के साथ मोदी जी ने भयानक मज़ाक किया है। 20,000 करोड़ के नुकसान पर केवल 1600 करोड़ देना ज़ख़्मों पर मरहम नहीं, बल्कि नमक छिड़कना है।" अरोड़ा ने केंद्र से 60,000 करोड़ रुपये के फंड को तुरंत जारी करने की मांग की। जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल ने इस पैकेज को 'बड़ा मज़ाक' कहा।


पंजाब की मजबूती

राज्य सरकार का संकल्प


पंजाब ने हमेशा देश के लिए योगदान दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आश्वासन दिया कि हर बाढ़ पीड़ित परिवार का सहारा बनेंगे और किसानों का हौसला बढ़ाएंगे। केंद्र की अनदेखी के बावजूद राहत कार्य जारी हैं। पंजाब फिर से उठेगा, लेकिन केंद्र को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।