×

पंजाब में बाढ़ राहत: सांसद बलबीर सिंह सीचेवाल ने किसानों के साथ की मेहनत

पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सांसद बलबीर सिंह सीचेवाल ने किसानों के साथ मिलकर राहत कार्य किया। उन्होंने ट्रैक्टर चलाकर खेतों में रेत हटाने का कार्य शुरू किया, जिससे किसानों को नई उम्मीद मिली। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अनोखी योजना के तहत बाढ़ से प्रभावित खेतों में जमा रेत अब किसानों की संपत्ति मानी जा रही है। जानें इस अभियान के बारे में और कैसे सरकार किसानों की मदद कर रही है।
 

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नई उम्मीद


चंडीगढ़: पंजाब के बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में एक नई आशा की किरण तब दिखाई दी, जब राज्यसभा सांसद और पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने खुद ट्रैक्टर चलाकर किसानों के खेतों में पहुंचकर मदद की।


बाढ़ से बर्बाद हुए खेतों में जमी हुई मोटी परत की रेत और गाद को हटाने का कार्य शुरू करते हुए सांसद ने यह साबित कर दिया कि आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि केवल कुर्सी पर नहीं, बल्कि वास्तविकता में किसानों के साथ खड़े हैं।


सांसद का सक्रिय योगदान

खुद मैदान में उतरे ‘पर्यावरण सेवी’ सांसद


बुधवार को बलबीर सिंह सीचेवाल अपनी टीम के साथ सुल्तानपुर लोधी और कपूरथला के आस-पास के गांवों में पहुंचे। उन्होंने ट्रैक्टर की स्टेयरिंग खुद संभाली और किसानों के साथ मिलकर खेतों को समतल करने का कार्य शुरू किया। किसानों ने कहा, “पहले नेता हेलीकॉप्टर से ऊपर से देखकर चले जाते थे, लेकिन आज पहली बार कोई सांसद हमारे साथ मेहनत कर रहा है।”


‘जिसका खेत, उसकी रेत’ योजना

‘जिसका खेत, उसकी रेत’ – ऐतिहासिक योजना शुरू


मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर शुरू की गई इस अनोखी योजना के तहत बाढ़ से खेतों में जमा रेत अब किसानों की संपत्ति मानी जा रही है। सरकार न केवल रेत हटाने के लिए मुफ्त मशीनरी उपलब्ध करा रही है, बल्कि किसान चाहें तो उस रेत को बेचकर अतिरिक्त आय भी कर सकते हैं। सांसद सीचेवाल ने कहा, “यह रेत किसान के खेत की है, यह उसका हक है। हम सिर्फ रेत नहीं हटा रहे, बल्कि किसान का हौसला भी वापस ला रहे हैं।”


सरकार की पूरी कोशिश

सरकार ने लगाई पूरी ताकत


JCB, पोकलेन मशीनें और ट्रैक्टर-ट्रॉली मुफ्त में उपलब्ध कराई जा रही हैं।


तकनीकी विशेषज्ञों की टीमें खेतों का सर्वेक्षण कर रही हैं।


अगली फसल के लिए बीज और खाद पर 50% सब्सिडी की घोषणा की गई है।


बाढ़ प्रभावित किसानों को 25,000 रुपये प्रति एकड़ अतिरिक्त मुआवजा दिया जा रहा है।


किसानों की आवाज

किसानों की जुबानी एक किसान


जसविंदर सिंह ने कहा, “पहले बाढ़ आती थी, नेता फोटो खिंचवाकर चले जाते थे। इस बार सांसद साहब खुद ट्रैक्टर चला रहे हैं। अब लगता है कि हमारा दुःख कोई समझ रहा है।” मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “हम वादे नहीं, काम करते हैं।” उन्होंने ट्वीट किया: “आप की सरकार कुर्सी पर नहीं, खेतों में बैठती है। संत बलबीर सिंह सीचेवाल जी ने एक बार फिर दिखा दिया कि सच्ची सेवा क्या होती है। पंजाब का किसान अब अकेला नहीं है।”


पंजाब में बाढ़ के बाद का यह सबसे बड़ा राहत और पुनर्वास अभियान बन चुका है, जिसमें जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी तक ज़मीन पर डटे हुए हैं।