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पंजाब में बारिश का अलर्ट: 13 से 15 अगस्त तक भारी वर्षा की संभावना

पंजाब में 13 से 15 अगस्त तक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग ने बताया है कि राज्य के अधिकांश जिलों में मानसून सक्रिय रहेगा। पिछले दिनों भी कुछ जिलों में वर्षा हुई है, जिससे जलस्तर बढ़ा है। किसानों के लिए यह बारिश फायदेमंद साबित हो सकती है, क्योंकि इससे धान की सिंचाई में मदद मिलेगी। जानें इस मौसम के प्रभाव और किसानों के लिए इसके महत्व के बारे में।
 

तीन दिन तक बारिश की चेतावनी


मौसम विभाग ने दी चेतावनी


चंडीगढ़ से मिली जानकारी के अनुसार, पंजाब में अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग की चंडीगढ़ शाखा ने 13 से 15 अगस्त तक राज्य के अधिकांश जिलों में मानसून के सक्रिय रहने और भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। उल्लेखनीय है कि कई नदियां पहले से ही खतरे के निशान के करीब बह रही हैं, जिसका कारण पहाड़ों में भारी बारिश और बादल फटना है। हालांकि, जब नदियां उफान पर थीं, तब राज्य में हल्की बारिश हुई, जिससे बाढ़ की स्थिति नहीं बनी।


मौसम विभाग की भविष्यवाणी

मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिनों में राज्य में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है, जो सामान्य से अधिक हो सकती है। पिछले दिन भी कुछ जिलों में वर्षा हुई, जैसे लुधियाना में 0.2 मिमी, पटियाला में 1.4 मिमी, मोहाली में 3 मिमी और रूपनगर में 10 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इससे औसत अधिकतम तापमान में 2.7 डिग्री की गिरावट आई। 11 अगस्त 2025 की सुबह 6 बजे तक सतलुज, ब्यास और रावी नदियों पर बने प्रमुख बांधों में जलस्तर 75 प्रतिशत से अधिक हो चुका था।


सतलुज नदी पर स्थित भाखड़ा डेम का पूर्ण भराव स्तर 1685 फीट है, जबकि इसकी क्षमता 5.918 एमएएफ है। वर्तमान में इसका जलस्तर 1646.55 फीट है, जिसमें 4.462 एमएएफ पानी मौजूद है, जो कुल क्षमता का 75.40 प्रतिशत है। पिछले वर्ष इसी दिन जलस्तर 1620.06 फीट था।


फसलों के लिए बारिश का महत्व

पंजाब में धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, और इसके लिए अच्छी बारिश आवश्यक है। यदि मानसून के दौरान राज्य में पर्याप्त वर्षा होती है, तो इसका सीधा लाभ किसानों को होगा। इससे उन्हें धान की सिंचाई के लिए भूमिगत जल पर निर्भरता कम करनी पड़ेगी। इससे न केवल किसानों का समय और पैसा बचेगा, बल्कि भूमिगत जल का दोहन भी कम होगा, जिससे जल स्तर में सुधार होगा।