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पंजाब में विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति

पंजाब सरकार ने विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की है। यह कदम जुएनाईल जस्टिस एक्ट के तहत सांकेतिक भाषा के इंटरप्रेटरों और अनुवादकों को सूचीबद्ध करने के लिए उठाया गया है। इस पहल का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा और कानूनी पहुंच को आसान बनाना है। जानें इस महत्वपूर्ण निर्णय के पीछे की सोच और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

पंजाब बनेगा पहला राज्य जो विशेष शिक्षकों को सूचीबद्ध करेगा


पंजाब सरकार का ऐतिहासिक कदम


चंडीगढ़ में सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने घोषणा की है कि पंजाब देश का पहला राज्य बनने जा रहा है, जो जुएनाईल जस्टिस एक्ट, 2015 के तहत सांकेतिक भाषा के इंटरप्रेटरों, अनुवादकों और विशेष शिक्षकों को औपचारिक रूप से सूचीबद्ध करेगा। यह पहल मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में की जा रही है, जिसका उद्देश्य विशेष योग्यता वाले बच्चों को सशक्त बनाना है।


बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा


डॉ. कौर ने बताया कि यह सूचीबद्धता बच्चों के अधिकारों की रक्षा और कानूनी पहुंच को आसान बनाएगी। अनुभवी पेशेवर अदालतों में बच्चों के लिए सहयोगी भूमिका निभाएंगे, जिससे निष्पक्षता सुनिश्चित होगी। पंजाब सरकार एक ऐसा समाज बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां हर बच्चा सुना और समझा जाए।


जिला स्तर पर तैनाती की योजना


मंत्री ने कहा कि इन पेशेवरों की जिला-वार तैनाती की जाएगी और उन्हें उचित पारिश्रमिक दिया जाएगा। पंजाब सरकार ने पहले ही विधानसभा की कार्यवाहियों को सांकेतिक भाषा में प्रसारित कर एक मिसाल कायम की है। यह निर्णय विशेष योग्यता वाले बच्चों और सुनने-बोलने में अक्षम व्यक्तियों के लिए संचार की बाधाओं को दूर करेगा।