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पंजाब सरकार ने धान खरीद सीजन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया

पंजाब सरकार ने धान खरीद सीजन की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए एक मंत्री समूह का गठन किया है। इस समूह ने भंडारण की समस्याओं और खरीद प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए योजनाएं बनाई हैं। कृषि मंत्री ने किसानों को उचित बीजों का उपयोग करने की सलाह दी है। जानें इस महत्वपूर्ण पहल के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
 

लेबर, कारटेज और ट्रांसपोर्ट नीति को अंतिम रूप दिया गया


पंजाब सरकार ने धान खरीद के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया है। चंडीगढ़ से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले वर्ष की समस्याओं से सीख लेते हुए, सरकार ने इस साल धान खरीद सीजन की तैयारियों को चार महीने पहले से शुरू कर दिया है। इसके लिए एक मंत्री समूह का गठन किया गया है।


मंत्री समूह ने चंडीगढ़ के पंजाब भवन में अपनी पहली बैठक की। इस समूह में कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां, खाद्य और सिविल सप्लाई मंत्री लाल चंद कटारूचक्क, परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर और जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल शामिल हैं। प्रमुख सचिव खाद्य और सिविल सप्लाई राहुल तिवारी ने 1 अक्टूबर 2025 से नवंबर के मध्य तक चलने वाले खरीफ सीजन के दौरान धान की खरीद को सुनिश्चित करने के लिए योजनाओं पर चर्चा की।


भंडारण की समस्या का समाधान जरूरी

आगामी खरीफ सीजन में धान की खरीद के लिए भंडारण की आवश्यकताओं पर चर्चा करते हुए मंत्री समूह को बताया गया कि इस साल दिसंबर तक 40 लाख मीट्रिक टन भंडारण की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, अगले साल जून तक लगभग 82-83 लाख मीट्रिक टन भंडारण की योजना बनाई गई है। कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया कि मिल्लरों, आढ़तियों और किसानों के सभी उचित मुद्दों का समाधान किया जाएगा।


उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भंडारण की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। खुड्डियां ने बताया कि 31 जुलाई तक 117 एल. एम. टी. के लक्ष्य के साथ 100 एलएमटी से अधिक चावल वितरित किए जा चुके हैं। लाल चंद कटारूचक्क ने कहा कि आने वाले खरीफ सीजन में लगभग 175-180 लाख मीट्रिक टन धान की फसल मंडियों में आने की उम्मीद है।


स्टोरेज के लिए और जगह बनाई जा सके

उन्होंने बताया कि 46 एलएमटी गोदामों के निर्माण के लिए प्रस्ताव उच्च स्तरीय समिति द्वारा केंद्र सरकार को भेजे गए हैं। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान इस मुद्दे को व्यक्तिगत रूप से केंद्र सरकार के समक्ष उठाने का प्रयास कर रहे हैं। किसानों को सलाह दी गई है कि वे केवल विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए बीजों का उपयोग करें और नकली बीजों से बचें।


कटारूचक्क ने दोहराया कि पंजाब सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीद के लिए प्रतिबद्ध है।


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