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पंजाब सरकार ने लेबर एक्ट में महत्वपूर्ण संशोधन किए

पंजाब सरकार ने छोटे व्यापारियों को राहत देने के लिए लेबर एक्ट में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 20 तक कर्मचारियों वाले संस्थानों को अधिनियम के प्रावधानों से मुक्त करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा, ओवरटाइम घंटों की सीमा बढ़ाई गई है और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। जानें इस संशोधन के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
 

कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय


सीएम की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया निर्णय, छोटे व्यापारियों को मिलेगी राहत


पंजाब सरकार ने छोटे व्यापारियों को राहत प्रदान करते हुए लेबर एक्ट में संशोधन को मंजूरी दी है। यह निर्णय हाल ही में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में लिया गया। इस संशोधन के तहत, 95 प्रतिशत छोटे व्यवसायों पर लागू होने वाली शर्तों को कम किया गया है, जिससे कारोबार को सरल बनाया जा सके।


मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि इस नए संशोधन के अनुसार, 20 तक कर्मचारियों वाले सभी संस्थान अब इस अधिनियम के सभी प्रावधानों से मुक्त होंगे। इससे पंजाब के लाखों दुकान मालिकों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है। हालांकि, इन संस्थानों को अपने कारोबार की जानकारी श्रम विभाग को छह महीने के भीतर जमा करनी होगी।


ओवरटाइम घंटों की सीमा में वृद्धि

कर्मचारियों की तनख्वाह में सुधार के लिए, एक तिमाही में ओवरटाइम की स्वीकृत घंटों की सीमा को 50 से बढ़ाकर 144 कर दिया गया है। इसके अलावा, प्रतिदिन कामकाज का समय 10 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे किया गया है, जिसमें आराम का समय भी शामिल है। यदि कर्मचारी प्रतिदिन 9 घंटे या सप्ताह में 48 घंटे से अधिक काम करते हैं, तो उन्हें नियमित दर से दुगनी दर पर भुगतान किया जाएगा।


रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में सरलता

रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। अब 20 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले संस्थानों को आवेदन जमा करने के 24 घंटे के भीतर पंजीकरण की स्वीकृति स्वतः मानी जाएगी। इस संशोधन के तहत, 20 कर्मचारियों तक वाले संस्थानों को केवल प्रारंभिक जानकारी देने की आवश्यकता होगी और उन्हें रजिस्टर रखने की आवश्यकता नहीं होगी।


इसके साथ ही, धारा 21 और 26 के अंतर्गत दंडों को तर्कसंगत बनाते हुए न्यूनतम जुर्माना 25 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये और अधिकतम जुर्माना 100 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया गया है। व्यापारियों को शर्तों का पालन करने के लिए समय देने हेतु पहली और दूसरी उल्लंघना के बीच सुधार के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा।