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पलवल सरपंच घोटाला: 1.85 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला

पलवल सरपंच इकबाल ने 1.85 करोड़ रुपये के घोटाले में गिरफ्तार किया गया है। चार साल तक फरार रहने के बाद, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने पंचायत के रिकॉर्ड को नष्ट कर दिया था। इस मामले ने स्थानीय प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं और ग्रामीणों में आक्रोश पैदा किया है। जानें इस घोटाले की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
 

पलवल सरपंच घोटाले का खुलासा

पलवल सरपंच घोटाला: सरपंच ने 1.85 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की, चार साल तक फरार रहा और रिकॉर्ड नष्ट किया: पलवल के हथीन क्षेत्र में सरपंच इकबाल द्वारा किए गए घोटाले ने हड़कंप मचा दिया है। पुलिस ने उन्हें 1.85 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया है।


चार साल तक फरार रहने के बाद, इकबाल ने रिमांड के दौरान स्वीकार किया कि उसने पंचायत के रिकॉर्ड को नष्ट कर दिया था ताकि सबूत मिटाए जा सकें। इस मामले ने स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों के बीच विश्वास को हिला दिया है। आइए, इस घोटाले की पूरी कहानी पर नजर डालते हैं।


खाइका गांव में घोटाले का विवरण

खाइका ग्राम पंचायत में घोटाले का खुलासा: खाइका ग्राम पंचायत के विकास कार्यों के लिए 2.44 करोड़ रुपये से अधिक की राशि आवंटित की गई थी। लेकिन जांच में यह सामने आया कि सरपंच इकबाल ने केवल 59.57 लाख रुपये का ही सही उपयोग किया, जबकि शेष 1.85 करोड़ रुपये का गबन कर लिया।


जिला प्रशासन ने विकास कार्यों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया, जिसने इस घोटाले का पर्दाफाश किया। इकबाल ने सबूत छिपाने के लिए पंचायत के रिकॉर्ड को नष्ट कर दिया और 2021 से फरार था। इस मामले ने ग्रामीणों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है।


पुलिस की कार्रवाई और रिमांड

पलवल पुलिस ने सरपंच को गिरफ्तार किया: पलवल पुलिस ने लंबे समय की खोज के बाद सरपंच इकबाल को गिरफ्तार किया। डीएसपी मोहिंदर सिंह ने बताया कि इकबाल को अदालत में पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया गया। रिमांड के दौरान इकबाल ने स्वीकार किया कि उसने पंचायत के रिकॉर्ड को नष्ट किया था।


डीएसपी ने यह भी बताया कि इकबाल की पत्नी और पूर्व सरपंच वनिशा भी इस घोटाले में शामिल हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी की योजना बना रही है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकेत है।


भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश

पलवल सरपंच घोटाले ने प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल उठाए: ग्रामीणों का कहना है कि विकास कार्यों के लिए दी गई राशि का दुरुपयोग उनके गांव की प्रगति को रोक रहा है।


इस मामले ने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को और मजबूत करने की आवश्यकता को उजागर किया है। पुलिस और प्रशासन अब इस तरह के मामलों पर नजर रख रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। यह घटना हरियाणा के लोगों के लिए एक चेतावनी है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना आवश्यक है।