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पाकिस्तान की कूटनीतिक चुनौतियाँ: क्या है शहबाज शरीफ की रणनीति?

पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में नई कूटनीतिक चुनौतियों का सामना किया है। हाल ही में, पाकिस्तान ने कई देशों में राजनयिक मिशन स्थापित किए हैं, जिनका उद्देश्य भारतीय आक्रमण पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करना है। इस लेख में, हम जानेंगे कि कैसे पाकिस्तान ने अपने कूटनीतिक प्रयासों को आगे बढ़ाने की कोशिश की है, और भारत के साथ हालिया घटनाओं का क्या प्रभाव पड़ा है। क्या पाकिस्तान की ये रणनीतियाँ सफल होंगी? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
 

पाकिस्तान के नए राजनयिक मिशन

पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में अनुभवी राजनेताओं और पूर्व राजनयिकों के सहयोग से कई देशों की राजधानियों में दो नए राजनयिक मिशन स्थापित किए हैं। विदेश कार्यालय के अनुसार, इन मिशनों का मुख्य उद्देश्य "हाल ही में हुए भारतीय आक्रमण पर पाकिस्तान के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करना" और टकराव के बजाय संवाद को बढ़ावा देना है।


नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा

एक नौ सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल इस समय न्यूयॉर्क, वाशिंगटन डीसी, लंदन और ब्रुसेल्स में है। इस दल का नेतृत्व पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी कर रहे हैं, जिसमें संघीय मंत्री मुसादिक मलिक, पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार और खुर्रम दस्तगीर खान जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं। इसके अलावा, पूर्व विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी और तहमीना जंजुआ जैसे नौकरशाह भी इस दल का हिस्सा हैं।


मास्को में विशेष टीम

प्रधानमंत्री के विशेष सहायक सैयद तारिक फातमी के नेतृत्व में एक दूसरी टीम मास्को भेजी गई है। इस्लामाबाद स्थित विदेश कार्यालय ने बताया कि यह प्रतिनिधिमंडल अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं, थिंक टैंकों, प्रवासी समुदाय और प्रमुख सरकारी अधिकारियों से मुलाकात करेगा ताकि पाकिस्तान के दृष्टिकोण को मजबूती से प्रस्तुत किया जा सके।


पहलगाम हमले के बाद की स्थिति

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों की मौत हो गई थी, जिसके लिए भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद को जिम्मेदार ठहराया। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। 7 मई को भारत ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार स्थित आतंकी शिविरों पर सटीक हमला किया।


पाकिस्तान की कूटनीतिक विफलता

पाकिस्तान ने भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की मलेशिया यात्रा को रोकने के लिए इस्लामी एकजुटता का हवाला देते हुए स्थानीय अधिकारियों पर दबाव डालने की कोशिश की, लेकिन यह प्रयास असफल रहा। जेडीयू सांसद संजय झा के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने बिना किसी बाधा के अपना मिशन पूरा किया।


अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की स्थिति

पाकिस्तान के कूटनीतिक प्रयासों को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सीमित समर्थन ही मिला है। FATF प्रतिबंधों पर कोई प्रगति नहीं हुई है, और पाकिस्तान अभी भी ग्रे लिस्ट में बना हुआ है। जी-7 ने पाकिस्तान की निंदा नहीं की है, जबकि कुछ सदस्य देशों ने आतंकवाद की निंदा की है।


भारतीय प्रतिनिधिमंडल की प्रतिक्रिया

संजय झा ने कहा कि वैश्विक प्रतिक्रिया पहलगाम आतंकी हमले की 'स्पष्ट निंदा' और भारत के दृष्टिकोण के लिए 'व्यापक समर्थन' थी। उन्होंने बताया कि सभी देशों ने आतंकवाद की निंदा की और जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य हो रही है।