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पाकिस्तान की शर्मनाक स्थिति: संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद पर चर्चा

पाकिस्तान को हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में एक शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा जब मानवाधिकार वकील हिलेल नूयर ने कतर पर आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया। इस घटना ने पाकिस्तान के प्रतिनिधि को नाराज कर दिया, लेकिन नूयर ने अपनी बात को मजबूती से रखा। जानें इस विवादास्पद चर्चा के बारे में और कैसे पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।
 

पाकिस्तान की वैश्विक मंच पर बेइज्जती

पाकिस्तान को एक वाक्य में ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। यह घटना तब हुई जब संयुक्त राष्ट्र ने कतर में हमास के राजनीतिक नेतृत्व पर इज़राइल के हालिया हमले पर चर्चा की। मानवाधिकार वकील और यूएन वॉच के कार्यकारी निदेशक हिलेल नूयर ने कतर पर आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया और इसे आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला देश बताया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख पर इज़राइल की आलोचना करने के लिए भी निशाना साधा।


नूयर ने यह भी याद दिलाया कि जब अमेरिका ने अल-क़ायदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में मारा था, तब तत्कालीन यूएन प्रमुख ने कहा था कि न्याय हुआ है।


हालांकि, पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने नूयर द्वारा बिन लादेन और पाकिस्तान का उल्लेख करने पर नाराजगी जताई और उन्हें बीच में ही रोक दिया। उन्होंने यूएनएचआरसी अध्यक्ष से अनुरोध किया कि कोई भी वक्ता संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों और सदस्य देशों की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन न करे।


पाकिस्तान ने कहा, "हम निराधार आरोपों का विरोध करते हैं।" लेकिन यूएनएचआरसी अध्यक्ष ने जल्द ही नूयर को माइक वापस दे दिया और उन्हें याद दिलाया कि उनके पास अपना भाषण पूरा करने के लिए केवल चार सेकंड हैं। इस प्रसिद्ध वकील ने उन चार सेकंड का पूरा उपयोग किया।


नूयर ने अपने भाषण का समापन करते हुए कहा, "महामहिम, पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला एक और देश है," जिससे पाकिस्तानी प्रतिनिधि को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।