पाकिस्तान ने उत्तरी वजीरिस्तान में आत्मघाती हमले के बाद गुलाम खान सीमा को बंद किया
गुलाम खान सीमा का बंद होना
गुलाम खान क्रॉसिंग बंद: पाकिस्तान, जो अन्य देशों में आतंकवाद फैलाने के लिए जाना जाता है, इस समय खुद एक गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है। शनिवार को उत्तरी वजीरिस्तान में हुए आत्मघाती हमले में 13 सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई। इस घटना के बाद पेशावर और खैबर पख्तूनख्वा के अफगान सीमा पर तनाव बढ़ गया है। शहबाज सरकार ने डर के मारे गुलाम खान सीमा को अगले आदेश तक बंद करने का निर्णय लिया है।
सूत्रों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख मौलाना मसूद अजहर अफगानिस्तान भाग गया है। उसे ऑपरेशन सिंदूर के बाद से हमले का डर सता रहा है, जिसके चलते उसने तालिबान से सुरक्षा की गुहार लगाई है।
घटनाक्रम का विवरण
घटना का संक्षिप्त विवरण
उत्तरी वजीरिस्तान में शनिवार को हुए आत्मघाती हमले में 13 सैनिकों की मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया है और गुलाम खान सीमा को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है।
गुलाम खान क्रॉसिंग अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत और पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान को जोड़ती है। यह न केवल एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग है, बल्कि दोनों देशों के बीच पारगमन का एक संवेदनशील बिंदु भी है।
अफगानिस्तान की प्रतिक्रिया
अफगानिस्तान का बयान
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के बॉर्डर फोर्स प्रवक्ता अब्दुल्ला फारूकी ने सीमा बंद करने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस निर्णय का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया, केवल इतना कहा गया कि वाहनों को वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करना चाहिए।
खोस्त प्रांत के प्रशासन ने भी जानकारी दी कि शनिवार शाम को पाकिस्तान से सूचना मिली कि 'सुरक्षा खतरों' के कारण सीमा को अस्थायी रूप से बंद किया जा रहा है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह बंदी कब तक जारी रहेगी।