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पाकिस्तान में नागरिकों की जासूसी पर एमनेस्टी इंटरनेशनल की चिंताजनक रिपोर्ट

पाकिस्तान में लोकतंत्र की स्थिति पर एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक नई रिपोर्ट ने चिंता जताई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तानी सरकार अपने नागरिकों की जासूसी के लिए एक व्यापक नेटवर्क का निर्माण कर रही है, जिसमें विदेशी तकनीकी कंपनियों का सहयोग शामिल है। यह रिपोर्ट नागरिकों की गोपनीयता के उल्लंघन और मानवाधिकारों के हनन पर गंभीर सवाल उठाती है। जानें इस रिपोर्ट में और क्या खुलासा किया गया है।
 

पाकिस्तान में लोकतंत्र की स्थिति

पाकिस्तान में लोकतंत्र की वास्तविकता पर मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल की हालिया रिपोर्ट ने गंभीर सवाल उठाए हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तानी सरकार अपने नागरिकों की जासूसी के लिए एक व्यापक और खतरनाक नेटवर्क स्थापित कर चुकी है, जिसमें चीन, अमेरिका, यूरोप और UAE की तकनीकी कंपनियों का सहयोग शामिल है।


इस रिपोर्ट का शीर्षक "Wired and Watched" (तारों में उलझा और निगरानी में रखा गया) है, जिसमें यह दर्शाया गया है कि पाकिस्तान अपने नागरिकों के फोन कॉल्स, संदेश, ईमेल और इंटरनेट गतिविधियों पर 24 घंटे नजर रखता है।


रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी (PTA) और अन्य खुफिया एजेंसियां नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा तक सीधी पहुंच रखती हैं। ये एजेंसियां बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के आपके फोन कॉल्स को सुन सकती हैं, टेक्स्ट मैसेज और ईमेल पढ़ सकती हैं, और यहां तक कि आपकी इंटरनेट गतिविधियों पर नजर रख सकती हैं।


यहां तक कि आपकी डिवाइस से हटाए गए डेटा को भी पुनः प्राप्त किया जा सकता है।


रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि पाकिस्तान को इस सामूहिक निगरानी की तकनीक चीन, अमेरिका और यूरोप की कंपनियों द्वारा प्रदान की जा रही है। यह स्थिति इन कंपनियों की नैतिकता पर गंभीर प्रश्न उठाती है, जो अपने लाभ के लिए मानवाधिकारों का उल्लंघन करने में मदद कर रही हैं।


एमनेस्टी ने पाकिस्तान सरकार से इस प्रकार की जासूसी को तुरंत रोकने और नागरिकों की गोपनीयता का सम्मान करने वाले कानून बनाने की मांग की है। इसके साथ ही, उन्होंने तकनीकी कंपनियों से भी अपील की है कि वे ऐसे उपकरणों की बिक्री बंद करें, जिनका उपयोग मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए किया जा रहा है।