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पानीपत में मिड डे मील योजना का विस्तार, स्कूल न जाने वाले बच्चों को मिलेगा लाभ

पानीपत जिले में मिड डे मील योजना का विस्तार किया गया है, जिससे अब वे बच्चे भी लाभ उठा सकेंगे जो स्कूल नहीं जाते। यह पहल शिक्षा से वंचित बच्चों को मुख्यधारा में लाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। योजना के तहत 34 विशेष केंद्रों पर बच्चों को मिड डे मील दिया जाएगा और बुनियादी शिक्षा सिखाई जाएगी। इस पहल का उद्देश्य कुपोषण को कम करना और बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाना है। जानें इस योजना के बारे में और इसके संभावित लाभों के बारे में।
 

पानीपत में मिड डे मील योजना का नया कदम

पानीपत जिले में अब वे बच्चे भी मिड डे मील योजना का लाभ उठा सकेंगे जो नियमित रूप से स्कूल नहीं जाते या जिनका अभी तक औपचारिक दाखिला नहीं हुआ है। शिक्षा विभाग का मानना है कि यह पहल शिक्षा से वंचित बच्चों को मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


मुख्य तथ्य एक नजर में

  • बाहर के बच्चों को छह महीने तक मिड डे मील दिया जाएगा।
  • विशेष अभियान 15 मार्च 2026 तक जारी रहेगा।
  • जिले में 935 से अधिक बच्चों का चयन किया गया है।
  • 34 विशेष केंद्रों में ब्रिज कोर्स के माध्यम से पढ़ाई कराई जाएगी।
  • जिले में पहले से लगभग 73 हजार विद्यार्थियों को मिड डे मील मिल रहा है।


सरकार का उद्देश्य: पोषण के माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा देना

शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि जो बच्चे स्कूल से दूर रहते हैं, उनके लिए भोजन एक आकर्षण का काम करता है। इस नई पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बच्चा कुपोषण का शिकार न हो और जरूरतमंद परिवार अपने बच्चों को पढ़ाई से जोड़ने के लिए प्रेरित हों।


राज्य शिक्षा परियोजना परिषद ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं और स्कूलों को विशेष रूप से चिन्हित बच्चों को भोजन देने का निर्देश दिया है।


एक अधिकारी ने कहा, “बच्चों को पहले भोजन फिर शिक्षा उपलब्ध कराना उन परिवारों के लिए भरोसा बढ़ाने का तरीका है, जो आर्थिक कारणों से बच्चों को स्कूल भेजने में हिचकिचाते हैं।”


34 विशेष केंद्रों पर होगा छह महीने का ब्रिज कोर्स

जिले में 34 शिक्षण केंद्र बनाए गए हैं जहां पहचाने गए बच्चों को नियमित रूप से लाया जाएगा, मिड डे मील खिलाया जाएगा और बुनियादी पढ़ाई सिखाई जाएगी।


यह बच्चों के लिए एक तैयारी प्लेटफॉर्म होगा ताकि वे आगे चलकर स्कूल में आसानी से पढ़ सकें। शिक्षा स्वयंसेवक इन केंद्रों पर बच्चों की निगरानी और पढ़ाई की जिम्मेदारी संभालेंगे।


पिछले साल से बेहतर परिणाम

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष लगभग 1300 बच्चों को चयनित किया गया था। उनमें से ज्यादातर बच्चे अब औपचारिक रूप से स्कूलों में पढ़ रहे हैं।


आधिकारिक अनुमान है कि इस बार भी 935 चयनित बच्चों में से अधिकांश छह महीनों में नियमित विद्यार्थी बन जाएंगे।


जिले में पहले से 73 हजार छात्रों को मिल रहा लाभ

पानीपत में 243 प्राथमिक, 49 माध्यमिक विद्यालय और विभाग द्वारा संचालित बाल वाटिकाएं शामिल हैं। यहां कुल 73,000 से अधिक बच्चों को पहले से ही मिड डे मील दिया जा रहा है।


इसमें 3626 बाल वाटिका के बच्चे, 40,700 प्राथमिक विद्यार्थी और लगभग 29,120 कक्षा 6 से 8 तक के बच्चे शामिल हैं।


क्यों खास है यह पहल

शिक्षाविदों का मानना है कि कई परिवार आर्थिक दबाव के कारण बच्चों को पढ़ाने से पहले रोज़गार में भेज देते हैं। ऐसे में मुफ्त भोजन और पढ़ाई का संयोजन परिवार का बोझ कम करता है और बच्चे शिक्षा की ओर लौटते हैं।


इस पहल से बालश्रम में कमी, कुपोषण में सुधार और स्कूल ड्रॉपआउट दर घटने की संभावना बताई जा रही है।


जिला परियोजना समन्वयक कुलभूषण जैन ने बताया कि, “हमारा लक्ष्य छह महीने में बच्चों को पढ़ने की आदत और मूलभूत साक्षरता देना है ताकि वे सहजता से स्कूल में प्रवेश ले सकें।”


आगे क्या होगा

ब्रिज कोर्स पूरा होने के बाद सभी बच्चों को नियमित स्कूलों में दाखिला दिलाया जाएगा। विभाग ने इस प्रक्रिया को मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।