पीटर नवारो का भारत पर आरोप और एलन मस्क की प्रतिक्रिया
पीटर नवारो और एलन मस्क का विवाद
पीटर नवारो-एलन मस्क: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर तीखा रुख अपनाया है। हाल ही में, उन्होंने एलन मस्क पर भी निशाना साधा, क्योंकि मस्क के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स ने उनके भारत-रूस संबंधों पर दिए गए बयान की तथ्य-जांच की।
नवारो ने भारत पर आरोप लगाया कि वह रूसी तेल खरीदकर 'मुनाफाखोरी' कर रहा है और इस तरह से यूक्रेन में रूस की 'युद्ध मशीन' को समर्थन दे रहा है। हालांकि, एक्स की कम्युनिटी नोट्स ने उनके दावों को 'गलत' और 'दोहरे मापदंड' वाला बताया।
नवारो के आरोपों का विवरण
पीटर नवारो ने शुक्रवार को एक्स पर एक पोस्ट में भारत पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने लिखा, "तथ्य: भारत की ऊंची टैरिफ नीति अमेरिकी नौकरियों को नुकसान पहुंचाती है। भारत रूसी तेल खरीदकर केवल मुनाफा कमा रहा है, जो रूस की युद्ध मशीन को बढ़ावा देता है। इससे यूक्रेन और रूस के लोग मर रहे हैं और अमेरिकी करदाताओं का पैसा खर्च हो रहा है।"
उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से पहले कभी भी रूसी तेल नहीं खरीदा था और अब वह केवल मुनाफे के लिए ऐसा कर रहा है।
एक्स की तथ्य-जांच
नवारो के पोस्ट के कुछ घंटों बाद, एक्स ने उनके दावों पर एक कम्युनिटी नोट जोड़ा, जिसमें कहा गया कि भारत का रूसी तेल खरीदना 'ऊर्जा सुरक्षा' के लिए है, न कि केवल मुनाफे के लिए। यह खरीद किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं करती। नोट में यह भी बताया गया कि अमेरिका खुद रूस से यूरेनियम और अन्य खनिज आयात करता है, जो उसके अपने दावों में 'दोहरा मापदंड' दर्शाता है।
नवारो का मस्क पर हमला
एक्स की तथ्य-जांच से नाराज होकर नवारो ने एलन मस्क पर हमला बोला। उन्होंने लिखा, "वाह एलन मस्क लोगों के पोस्ट में प्रोपेगैंडा डाल रहा है। नीचे का वह नोट बकवास है। भारत केवल मुनाफे के लिए रूसी तेल खरीदता है। उसने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से पहले कोई तेल नहीं खरीदा था। भारतीय सरकार का प्रचार तंत्र तेजी से काम कर रहा है। यूक्रेनियनों को मारना बंद करो। अमेरिकी नौकरियां छीनना बंद करो।"
नवारो के इस जवाब को भी एक्स ने दोबारा तथ्य-जांच के दायरे में लिया। प्लेटफॉर्म ने एक और कम्युनिटी नोट जोड़ा, जिसमें कहा गया कि भारत का रूसी तेल खरीदना एक 'संप्रभु निर्णय' है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करता। नोट में फिर से अमेरिका के रूस से यूरेनियम आयात को 'दोहरे मापदंड' के रूप में उजागर किया गया।