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पुतिन ने ट्रंप प्रशासन की नीतियों का किया खुलासा, भारत पर भारी टैरिफ

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अलास्का में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप प्रशासन की नीतियों का खुलासा किया, जिसमें बताया गया कि अमेरिका और रूस के बीच व्यापार में 20% की वृद्धि हुई है। इस बीच, अमेरिका ने भारत पर रूस से तेल व्यापार करने के लिए 50% का भारी टैरिफ लगाया है, जिसे भारत ने अनुचित बताया है। जानें इस मुद्दे पर दोनों देशों की प्रतिक्रियाएँ और व्यापार के भविष्य के बारे में।
 

पुतिन का बयान और अमेरिका की नीतियाँ

एंकरेज: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में अलास्का में एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी प्रशासन के दोहरे चरित्र को उजागर किया। पुतिन ने बताया कि ट्रंप प्रशासन के सत्ता में आने के बाद से रूस और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार में 20% की वृद्धि हुई है।


अमेरिका की कार्रवाई और भारत की प्रतिक्रिया

पुतिन का यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका ने भारत पर रूस से तेल व्यापार करने के लिए 50% का भारी टैरिफ लगाया है। इस खुलासे ने ट्रंप प्रशासन की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


पुतिन ने कहा, "जब से नया प्रशासन सत्ता में आया है, तब से द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि हुई है। हमारी वृद्धि दर 20 प्रतिशत है।" उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश व्यापार, डिजिटल तकनीक और अंतरिक्ष अन्वेषण में सहयोग बढ़ा सकते हैं। इस बयान ने सोशल मीडिया पर ट्रंप प्रशासन के खिलाफ बहस को जन्म दिया है।


इसके विपरीत, ट्रंप प्रशासन ने भारत पर कठोर कदम उठाए हैं, यह आरोप लगाते हुए कि भारत के तेल खरीदने से रूस को यूक्रेन युद्ध जारी रखने में आर्थिक मदद मिल रही है। इस महीने भारत पर 25% टैरिफ लगाया गया और फिर इसे बढ़ाकर 50% कर दिया गया। यह टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा।


भारत ने इस टैरिफ की कड़ी निंदा करते हुए इसे "अनुचित और अन्यायपूर्ण" बताया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की तेल आयात नीति उसके राष्ट्रीय हितों और ऊर्जा सुरक्षा पर आधारित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "हमारे किसानों और मछुआरों के हित हमारी प्राथमिकता हैं। भारत इन हितों से कभी समझौता नहीं करेगा।" उन्होंने यह भी कहा कि भारत इस "भारी कीमत" का सामना करने के लिए तैयार है। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस टैरिफ से भारत के कुल निर्यात का केवल 4.8% प्रभावित होगा।