पूनम पांडे का लव-कुश रामलीला में मंदोदरी का किरदार, विवाद जारी
दिल्ली में लव-कुश रामलीला में पूनम पांडे का रोल
दिल्ली के लाल किले में आयोजित होने वाली प्रसिद्ध लव-कुश रामलीला में इस बार पूनम पांडे मंदोदरी की भूमिका निभाने जा रही हैं। जैसे ही यह जानकारी सामने आई, विवाद उत्पन्न हो गया। विश्व हिंदू परिषद और कई साधु-संतों ने इस निर्णय पर सवाल उठाए हैं। इसके बावजूद, रामलीला कमिटी ने स्पष्ट किया है कि पूनम पांडे इस भूमिका में रहेंगी।
कमिटी का बयान
रामलीला कमिटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि समाज में बदलाव आवश्यक है और समय के साथ सभी को नए अवसर मिलते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कई लोग अपने अतीत को पीछे छोड़कर समाज में योगदान दे रहे हैं। उनका मानना है कि पूनम पांडे का अतीत कोई रुकावट नहीं है और रामलीला के मंच पर उनका किरदार निभाना समाज में सकारात्मक संदेश देगा।
पूनम पांडे से बातचीत
अर्जुन कुमार ने बताया कि विवाद के बाद उन्होंने पूनम पांडे से सीधे संपर्क किया। पूनम ने भी इस भूमिका को निभाने की पुष्टि की। कुमार ने कहा कि फिल्में रीटेक के साथ बनती हैं, लेकिन रामलीला में हर भूमिका एक बार ही निभाई जाती है। उनका मानना है कि इस मंच से पूनम अपने व्यक्तित्व और सोच में बदलाव ला सकती हैं।
सामाजिक प्रतिक्रिया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। विश्व हिंदू परिषद ने कमिटी को पत्र लिखा है और कई साधु-संतों ने भी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि जो व्यक्ति समाज में जो भूमिका निभाने योग्य है, वही किरदार मिले। कुछ का सुझाव था कि पूनम पांडे को मंदोदरी के बजाय सूर्पनखा का किरदार दिया जाए।
कमिटी की भविष्य की योजना
रामलीला कमिटी का कहना है कि मंच पर किरदारों का चयन पूरी तरह से कमिटी की जिम्मेदारी है और किसी भी बाहरी दबाव में निर्णय नहीं बदला जाएगा। कमिटी चाहती है कि रामलीला का संदेश और सांस्कृतिक महत्व बना रहे, और पूनम पांडे का किरदार दर्शकों को प्रेरित करे।