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पूर्वी अफगानिस्तान में भूकंप से बढ़ी तबाही, 1400 से अधिक मृतक

पूर्वी अफगानिस्तान में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें 1400 से अधिक लोग मारे गए हैं और 3000 से ज्यादा घायल हुए हैं। तालिबान प्रशासन ने राहत कार्यों में बाधाओं का सामना किया है, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की गई है। भारत ने 21 टन राहत सामग्री भेजी है। जानें इस संकट के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
 

भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति गंभीर

संयुक्त राष्ट्र ने पूर्वी अफगानिस्तान में आए भूकंप के कारण हताहतों की संख्या में और वृद्धि की चेतावनी दी है। तालिबान प्रशासन के अनुसार, मंगलवार को भूकंप में मरने वालों की संख्या 1,400 से अधिक हो गई है, जबकि 3,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। ये आंकड़े केवल कुनार प्रांत से संबंधित हैं।


रविवार रात को 6.0 तीव्रता का भूकंप कई प्रांतों में भारी तबाही लेकर आया। इस प्राकृतिक आपदा ने कई गांवों को नष्ट कर दिया, जिससे लोग मिट्टी और लकड़ी से बने कच्चे मकानों के मलबे में दब गए।


भूकंप के बाद बचाव कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है, क्योंकि ऊबड़-खाबड़ इलाके में हेलीकॉप्टर नहीं उतर सकते। तालिबान अधिकारियों ने घायलों को निकालने के लिए कई कमांडो को हवाई मार्ग से भेजा है।


सहायता एजेंसियों की सक्रियता

सहायता एजेंसी 'सेव द चिल्ड्रन' ने बताया कि उनकी टीम ने चिकित्सा उपकरणों को पीठ पर लादकर 19 किलोमीटर की पैदल यात्रा की। भूकंप के कारण चट्टानें गिरने से प्रभावित क्षेत्रों का संपर्क कट गया है।


अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप के केंद्र के पास मंगलवार को फिर से 5.2 तीव्रता का झटका आया, लेकिन इससे किसी नुकसान की सूचना नहीं मिली।


संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर इंद्रिका रत्वाटे ने कहा कि बचावकर्मी दुर्गम क्षेत्रों में पहुंचने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की है।


अंतरराष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता

तालिबान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सहायता की मांग की है। ब्रिटेन ने 10 लाख पाउंड (13 लाख अमेरिकी डॉलर) की आपात धनराशि देने का वादा किया है।


भारत ने भी भूकंप प्रभावित लोगों के लिए 21 टन राहत सामग्री भेजी है, जिसमें कंबल, टेंट, स्वच्छता किट और आवश्यक दवाइयां शामिल हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह सहायता हवाई मार्ग से काबुल पहुंच रही है।