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प्रधानमंत्री मोदी का इथियोपिया में ऐतिहासिक संबोधन

प्रधानमंत्री मोदी ने इथियोपिया की संसद में एक महत्वपूर्ण भाषण दिया, जिसमें उन्होंने मित्रता और विकास का संदेश साझा किया। उन्होंने इथियोपिया को शेरों की भूमि बताते हुए, भारत और इथियोपिया के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। मोदी ने भारतीय कंपनियों के निवेश और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की बात की। इस भाषण में उन्होंने इथियोपिया के नागरिक सम्मान को भी स्वीकार किया। जानें इस ऐतिहासिक संबोधन के प्रमुख बिंदुओं के बारे में।
 

प्रधानमंत्री मोदी का इथियोपिया में भाषण

प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को इथियोपिया की संसद के संयुक्त सत्र में कहा कि उन्हें इस देश में घर जैसा अनुभव होता है, क्योंकि इथियोपिया और उनका गृह राज्य गुजरात दोनों ही शेरों की भूमि हैं। यह विश्व की 18वीं संसद है जहां उन्होंने अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि यहां उपस्थित होना उनके लिए एक विशेष अवसर है। इथियोपिया की भूमि पर होना अद्भुत है, और यह उनके लिए घर जैसा अनुभव है।


मोदी ने इथियोपिया की लोकतांत्रिक यात्रा की सराहना की और भारत की जनता की ओर से मित्रता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारत का राष्ट्रगान और इथियोपिया का राष्ट्रगान दोनों ही लोगों को अपनी मातृभूमि पर गर्व करने के लिए प्रेरित करते हैं।


मित्रता और सहयोग का संदेश

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इथियोपिया की संसद, जनता और लोकतांत्रिक यात्रा के प्रति सम्मान के साथ उपस्थित हुए हैं। उन्होंने भारत की 14 लाख जनता की ओर से मित्रता, सद्भावना और भाईचारे का संदेश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' और इथियोपिया का राष्ट्रीय गान, दोनों ही हमारी धरती को माता मानते हैं।


इथियोपिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान को प्राप्त करते हुए, मोदी ने कहा कि वह इसे भारत की जनता की ओर से विनम्रता से स्वीकार करते हैं। उन्हें 'इथियोपिया का महान सम्मान निशान' प्राप्त करने का सौभाग्य मिला।


भारत-इथियोपिया संबंध

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारतीय कंपनियां इथियोपिया में सबसे बड़े विदेशी निवेशकों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि विकासशील देशों के रूप में, भारत और इथियोपिया एक-दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं। भारतीय कंपनियों ने इथियोपिया में 5 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है और 75,000 से अधिक रोजगार सृजित किए हैं। उन्होंने भारत-इथियोपिया द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाने का निर्णय लिया है।