प्रधानमंत्री मोदी का ट्रंप के बयान पर जोरदार जवाब: भारत की अर्थव्यवस्था की ताकत
बेंगलुरू में प्रधानमंत्री मोदी का बयान
बेंगलुरू। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत को 'डेड इकोनॉमी' कहे जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट उत्तर दिया है। रविवार को बेंगलुरू में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत तेजी से प्रगति कर रहा है और इसकी उपलब्धियों का परचम आसमान में लहरा रहा है। मोदी ने कहा, 'भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। हम 10वें स्थान से अब टॉप पांच में पहुँच चुके हैं और जल्द ही टॉप तीन में शामिल होंगे। यह ताकत रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के माध्यम से मिली है।'
यह ध्यान देने योग्य है कि ट्रंप ने 31 जुलाई को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाते हुए भारत और रूस को 'डेड इकोनॉमी' बताया था। उन्होंने कहा था, 'भारत और रूस अपनी अर्थव्यवस्था को साथ ले डूबें, मुझे क्या'। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बताते हुए इसका जवाब दिया। इसके साथ ही, ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में मोदी ने कहा, 'भारतीय सैनिकों की आतंकवादियों और पाकिस्तान को घुटने में लाने की क्षमता को पूरी दुनिया ने देखा है।'
प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का श्रेय स्वदेशी हथियारों को दिया। उन्होंने कहा, 'इसकी सफलता के पीछे हमारी टेक्नोलॉजी और मेक इन इंडिया की ताकत है। इसमें बेंगलुरू के युवाओं का भी बहुत योगदान है।' उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी कर्नाटक के दौरे पर थे, जहाँ उन्होंने बेंगलुरू के केएसआर रेलवे स्टेशन पर तीन वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। इनमें बेंगलुरू से बेलगावी, अमृतसर से श्री माता वैष्णो देवी कटरा और नागपुर से पुणे तक की ट्रेनें शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने बेंगलुरू और राज्य के अन्य हिस्सों के लिए कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिनकी कुल लागत 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने बेंगलुरू मेट्रो की यलो लाइन का भी उद्घाटन किया। भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती को बताते हुए मोदी ने कहा, 'पहले हम मोबाइल आयात करते थे, अब हम टॉप पांच निर्यातकों में शामिल हैं। बेंगलुरू की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है।' उन्होंने आगे कहा, '2014 से पहले हमारा इलेक्ट्रॉनिक निर्यात छह अरब डॉलर था, जो अब 38 अरब डॉलर हो गया है। ऑटोमोबाइल निर्यात 16 अरब डॉलर था, जो अब दोगुना हो चुका है। भारत ग्लोबल एआई की दिशा में आगे बढ़ रहा है। सेमीकंडक्टर मिशन की गति पकड़ रहा है और जल्द ही मेड इन इंडिया चिप मिलने जा रही है।'