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प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा ऐलान: दिवाली तक लागू होगा नया जीएसटी ढांचा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर जीएसटी में महत्वपूर्ण सुधारों की घोषणा की है, जो इस दिवाली तक लागू होंगे। नए ढांचे में केवल दो टैक्स स्लैब होंगे, जिससे उपभोक्ताओं और छोटे व्यवसायियों को राहत मिलेगी। 2017 से अब तक जीएसटी ने भारत की कर प्रणाली को सरल बनाया है। सरकार का लक्ष्य टैक्स दरों को स्थिर करना और छोटे व्यवसायों के लिए प्रक्रिया को आसान बनाना है। जानें इस सुधार के अन्य संभावित बदलाव और राज्यों के साथ समन्वय की योजना के बारे में।
 

जीएसटी सुधारों की घोषणा

जीएसटी सुधार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अपने संबोधन में जीएसटी में महत्वपूर्ण सुधारों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस दिवाली तक नया जनरेशन जीएसटी लागू किया जाएगा, जिससे टैक्स का बोझ कम होगा और उपभोक्ताओं के साथ-साथ छोटे व्यवसायियों को भी राहत मिलेगी। प्रधानमंत्री ने इसे भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक नई शुरुआत बताया।


2017 से अब तक का सफर

2017 से अब तक का सफर

मोदी ने अपने भाषण में बताया कि जीएसटी की शुरुआत 2017 में हुई थी, जिसने भारत की कर प्रणाली को सरल बनाने और अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब सरकार इसे और अधिक व्यापक, पारदर्शी और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाना चाहती है। वित्त मंत्रालय ने इसके लिए जीएसटी काउंसिल के समक्ष एक प्रस्ताव रखा है, जिसकी समीक्षा मंत्रियों के समूह द्वारा की जा रही है। इसका लक्ष्य दिवाली तक इसे लागू करना है।


स्ट्रक्चरल बदलाव

पहला सुधार- स्ट्रक्चरल बदलाव

सरकार का प्राथमिक लक्ष्य इनपुट और आउटपुट टैक्स रेट्स के बीच के अंतर को समाप्त करना है। इससे टैक्स क्रेडिट के गलत उपयोग को रोका जा सकेगा और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही, वर्गीकरण संबंधी विवाद और नियमों की जटिलता को कम करने की योजना है। दीर्घकालिक दृष्टिकोण से, इसका उद्देश्य टैक्स दरों को स्थिर और नीति आधारित बनाना है, ताकि कारोबारी माहौल को और मजबूत किया जा सके।


दो टैक्स स्लैब का प्रस्ताव

सिर्फ दो टैक्स स्लैब

इस सुधार का सबसे बड़ा आकर्षण यह है कि केवल दो जीएसटी स्लैब रखने का प्रस्ताव है। वर्तमान में 0%, 5%, 12%, 18% और 28% की दरें लागू हैं। नए ढांचे में इन्हें घटाकर केवल 'स्टैंडर्ड' और 'क्वालिफाइड' दो स्लैब में समाहित किया जाएगा। आवश्यक और सामान्य वस्तुओं पर टैक्स में कमी की योजना है, जिससे मध्यवर्ग, किसान, छात्र और आम उपभोक्ता को सीधा लाभ होगा। कई वस्तुएं सस्ती होंगी, जिससे खपत बढ़ेगी और बाजार में डिमांड का नया दौर शुरू होगा।


छोटे व्यवसायों के लिए राहत

तीसरा बड़ा बदलाव

सरकार ने छोटे व्यवसायों और डिजिटल टैक्स प्रणाली को सरल बनाने पर जोर दिया है। इसके तहत पहले से भरे हुए जीएसटी रिटर्न, तेज़ी से रिफंड प्रोसेस, और मानवीय हस्तक्षेप को कम करने के उपाय किए जाएंगे। इस बदलाव से छोटे व्यापारी और स्टार्टअप्स को बड़ी राहत मिलेगी और वे बिना बाधा के अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकेंगे।


संभावित अतिरिक्त सुधार

संभावित अतिरिक्त सुधार

सितंबर में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में कुछ और बदलावों पर चर्चा की जा सकती है। इनमें शामिल हैं:

1. 12% स्लैब को हटाना
2. स्वास्थ्य और जीवन बीमा को जीएसटी से मुक्त करना
3. आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स दरें घटाना ताकि आम लोगों के लिए कीमतें और भी युक्तिसंगत हो सकें।


राज्यों के साथ समन्वय

राज्यों के साथ समन्वय

वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ साझेदारी में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। जीएसटी परिषद अपनी अगली बैठक में मंत्रियों के समूह की सिफारिशों पर विचार करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि तेजी से क्रियान्वयन हो सके।